जिले में लहलहा रही है पोस्ते की फसल
हर वर्ष की तरह इस बार भी जिले में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से पोस्ता की खेती की गयी. लावालौंग, वशिष्ठ नगर जोरी, सदर थाना, कुंदा, राजपुर सहित कई थाना क्षेत्रों में पोस्ता लगाया गया है. सुबह-शाम मोटर पंप लगा कर पोस्ता की फसल की सिंचाई की जा रही है.
चतरा. हर वर्ष की तरह इस बार भी जिले में बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से पोस्ता की खेती की गयी. लावालौंग, वशिष्ठ नगर जोरी, सदर थाना, कुंदा, राजपुर सहित कई थाना क्षेत्रों में पोस्ता लगाया गया है. सुबह-शाम मोटर पंप लगा कर पोस्ता की फसल की सिंचाई की जा रही है. पोस्ता की खेती सुदूर जंगल व नदियों के किनारे की गयी है. तस्कर वैसे क्षेत्र में पोस्ता की खेती करा रहे हैं, जहां आसानी से पुलिस व वन विभाग की टीम नहीं पहुंच सके. पोस्ता की खेती के लिए सुदूर जंगली क्षेत्र सेफ जोन बना हुआ है. बता दें कि सितंबर-अक्तूबर माह में पोस्ता की खेती की तैयार हो जाती है. खेत तैयार करने के बाद पोस्ता का बीज डाला जाता है. बिहार से सटे थाना क्षेत्र के जंगली क्षेत्रों में पोस्ता की खेती की गयी है. जिले में लंबे समय से पोस्ता की खेती हो रही है. जिला व पुलिस प्रशासन, वन विभाग पोस्ता का सीजन आने के पूर्व लगातार क्षेत्र में पोस्ता की खेती की रोकथाम व पोस्ता से होनेवाले नुकसान के प्रति जागरूक किया जाता है, इसके बावजूद पोस्ता की खेती की गयी है.
करोड़ों रुपये का होता है कारोबार
चतरा जिले में हर वर्ष बड़े पैमाने पर पोस्ता की खेती होती है. पोस्ता से अफीम निकलने के बाद करोड़ों रुपये का कारोबार होता है. कुछ लोग गिला अफीम को ही बेच देते हैं, तो कोई सूखा कर अफीम का पट्टा बना कर बेचते हैं. जिले के ही कुछ लोग अफीम को खरीद कर दूसरे प्रदेशों में बेच कर अच्छी आमदनी करते हैं.ब्राउन शुगर का भी बनता जा रहा है हब
पोस्ता की खेती से शुरू हुआ नशे का कारोबार आज ब्राउन शुगर तक पहुंच गया है. जिला अब ब्राउन शुगर का हब बनता जा रहा हैं. ब्राउन शुगर की तस्करी के साथ-साथ जिले के युवा ब्राउन शुगर के आदी बनते जा रहे हैं. सबसे अधिक ब्राउन शुगर का कारोबार गिद्धौर थाना क्षेत्र में होती हैं. जहां कई शहरों से लोग पहुंच कर ब्राउन शुगर की खरीदारी करते हैं.नशा के कारोबार से कई लोग हुए मालामाल
कल तक जो व्यक्ति गरीबी में जीवन-यापन करते थे, वे आज आलीशान मकान व वाहनों के मालिक बन गये हैं. यह करिश्मा उनकी मेहनत की कमाई से नहीं हो पाया है, बल्कि नशा के कारोबारों से हुआ है. अफीम, ब्राउन शुगर, डोडा ने कुछ लोगो को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया है. कभी पैसों के लिए मोहताज रहने वाले आज करोड़ों रुपये के मालिक हैं. हर बार पुलिस के अधिकारी अवैध रूप से अर्जित की गयी संपत्ति पर कार्रवाई की जायेगी, लेकिन ऐसा आज तक नहीं हुई हैं.
क्या कहते हैं एसपी
एसपी विकास कुमार पांडेय ने कहा कि पोस्ता नष्ट करने का काम चल रहा है. शुरुआती दौर में पोस्ता नष्ट किया गया. कुछ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. कुछ लोगों को जेल भी भेजा गया है. पोस्ता की खेती करनेवालों की पहचान की जा रही है. उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है