जिले में बड़े पैमाने पर हुई है पोस्ता की खेती
प्रतिबंध के बावजूद इस बार भी जिले में बड़े पैमाने पर पोस्ता (अफीम) की खेती की गयी है.
चतरा. प्रतिबंध के बावजूद इस बार भी जिले में बड़े पैमाने पर पोस्ता (अफीम) की खेती की गयी है. सुदूरवर्ती इलाकों, जंगलों व पहाड़ी क्षेत्रों में पोस्ता के पौधे पनपने लगे हैं. सबसे अधिक वनभूमि पर नदी और तालाब के किनारे पोस्ता की खेती की गयी है. तस्कर भी क्षेत्र में सक्रिय हैं. दो महीने पहले जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व वन विभाग ने जागरूकता अभियान चला कर लोगों को पोस्ता की खेती नहीं करने को कहा था. साथ ही पोस्ता की खेती से होनेवाले दुष्प्रभाव व कानूनी कार्रवाई तथा पोस्ता की खेती नहीं करने की शपथ दिलायी थी. इसके बावजूद लोगों ने पोस्ता की खेती की है. हालांकि पुलिस व वन विभाग द्वारा पोस्ता नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है. मालूम हो कि जिले में करीब 20 वर्ष से पोस्ता की खेती की जा रही है. कई लोग अफीम के कारोबार में जुड़ कर मालामाल हो चुके है.
इन जगहों पर की गयी है पोस्ते की खेती
चतरा सदर थाना क्षेत्र के बुकरूआ, भैंसडुबवा, खदिया, कच्चा नदी के किनारे पारटांड़, कड़िमा, मतनाबरी, लावालौंग थाना क्षेत्र के झिरनिया, चिपवाही, जपनबनही, कुंभियाचाड़ी, सिसरिंगा, अमानत नदी के किनारे, विशनपुर, पासगन, जोरी वशिष्ठ नगर क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र गुड़दारी, बंदरचुआ, ढोलटंगवा, कोलहुआ, गुबे, राजगुरू, पहशवार, पंडरकोला, कुरखेता, मानामात, घटदारी, सजनी, प्रतापपुर थाना क्षेत्र के बामी, देवकुंडी, हंटरगंज थाना क्षेत्र के लुटा फटा, कुंदा थाना क्षेत्र के लावालौंग गांव, राजपुर थाना क्षेत्र में कई जगहों पर पोस्ता की खेती की गयी है.
पोस्ता की खेती करनेवालों को बख्शा नहीं जायेगा : एसपी
एसपी विकास कुमार पांडेय ने कहा कि पोस्ता विनष्टीकरण अभियान जारी है. सभी थाना प्रभारियों को पोस्ता की खेती को अभियान चला कर नष्ट करने का निर्देश दिया गया है. किसी भी हाल में पोस्ता की खेती करनेवालों को बख्शा नहीं जायेगा. उन्हें चिन्हित कर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है