चतरा : सिमरिया प्रखंड मुख्यालय से छह किमी दूर जंगलों के बीच बसे कसियाडीह गांव के रामधनी महतो मुर्गी पालन कर आत्मनिर्भर बने हैं. वे आसपास गांव के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं. रामधनी 10 वर्षोंं से मुर्गी पालन का व्यवसाय कर रहे हैं. आज एक मुर्गी व्यवसायी के रूप में जाने जाते हैं. मुर्गी फॉर्म से होने वाली आमदनी से घर परिवार का जीविकोपार्जन कर रहे हैं. साथ ही बच्चों को उच्च शिक्षा दे रहे हैं.
तीन बच्चों को स्नातक, तो एक बच्चा को इंटर की पढ़ाई करा रहे है. मुर्गी पालन कार्य में परिवार के सदस्य भी सहयोग करते हैं. रामधनी मुर्गी पालन से हर माह 15 से 20 हजार रुपये की आमदनी कर रहे हैं. अपने गांव के पांच युवकों को मुर्गी पालन का प्रशिक्षण दिया है,
जिसमें गांव के आदित्य प्रसाद, रमेश प्रसाद, संतोष प्रसाद, मनोज प्रसाद व केशो गंझू शामिल हैं. उक्त लोग प्रशिक्षण लेकर मुर्गी फार्म चला रहे हैं. रामधनी हर माह अपने फार्म में 1500 मुर्गी का चूजा छोड़ते हैं. जिससे एक माह में 26 क्विंटल बड़े साइज में मुर्गियां तैयार होती है. मुर्गियां तैयार होने के बाद दूर दराज से व्यापारी ले जाते हैं.