प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान 2024: चतरा के 500 होनहार सम्मानित, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता बोले, अब पढ़ाई में गरीबी नहीं बनेगी बाधा
झारखंड के चतरा में रविवार को प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान समारोह 2024 का आयोजन किया गया. इसमें 500 होनहार विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि आप मन लगाकर पढ़ें. अब पढ़ाई में गरीबी बाधा नहीं बनेगी.
चतरा, दीनबंधु/तस्लीम: झारखंड के चतरा जिले के विकास भवन स्थित डीआरडीए प्रशिक्षण हॉल में रविवार को प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान समारोह 2024 का आयोजन किया गया. इसमें लगभग 500 होनहार छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि पढ़ाई में आर्थिक तंगी बाधा नहीं बनेगी. सरकार उच्च शिक्षा के लिए 15 लाख तक का एजुकेशन लोन दे रही है. आप मन लगाकर पढ़ाई करें. मौके पर उपायुक्त रमेश घोलप, डीडीसी पवन कुमार मंडल, एसडीओ सुरेंद्र उरांव, डीएसपी मुख्यालय रोहित कुमार रजवार, जिप उपाध्यक्ष बिरजू तिवारी समेत कई उपस्थित थे.
मेधावी छात्र-छात्राओं को दिए गए मेडल व प्रशस्ति पत्र
अतिथियों ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. प्रतिभा सम्मान समारोह हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा. सम्मान पाकर बच्चे काफी गदगद थे. उनके साथ आये अभिभावक व शिक्षक-शिक्षिका गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. जो बच्चे समारोह में नहीं आ पाये, उनके अभिभावकों को सम्मान दिया गया. मौके पर गोल इंस्टिट्यूट के स्टेट कॉ-ओर्डिनेटर अभिषेक कुमार, मेंटर्स एडुसर्व के एरिया कॉ-ओर्डिनेटर सरोज कुमार, एमेटी यूनिवर्सिटी की आराधना मिश्रा, राजद युवा नेता विनोद भोगता समेत कई उपस्थित थे. समारोह को सफल बनाने में प्रभात खबर के ब्यूरो चीफ दीनबंधु, अभिमन्यु कुमार, विजय शर्मा, वरुण सिंह, रवि, मो. तसलीम, गंगा प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार, मो. कासिफ इकबाल, सीताराम यादव, पिंटू राणा, विहारी कुमार, धर्मेंद्र गुप्ता, अरविंद कुमार ने अहम भूमिका निभायी.
गरीब व लाचार बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी बाधित
झारखंड के मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि राज्य सरकार प्रतिभावान बच्चों के मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है. गरीबी व लाचारी में अब बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी. इनके लिए गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से बच्चियां लाभान्वित हो रही हैं. स्कूली बच्चों को विभिन्न स्तर पर छात्रवृत्ति, साइकिल दी जा रही हैं. श्रम विभाग से छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जा रहा हैं. उन्होंने बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि इसी भीड़ से एक दिन कोई आइएएस तो कोई आइपीएस, कोई नेता, अभिनेता तो कोई इंजीनियर निकल कर सामने आयेंगे. चतरा जिला अब पिछड़े जिलों में नहीं है. देश व राज्य के विभिन्न हिस्सों में यहां के बच्चे अच्छे पदों पर सेवा दे रहे हैं. दुमका में सरकार द्वारा पायलट का प्रशिक्षण शुरू कराया गया है. उन्होंने बच्चों को दहेज कुप्रथा को दूर करने का संकल्प दिलाया.
विपरीत हालात में जो नहीं टूटते, वह रिकॉर्ड तोड़ते हैं
चतरा के उपायुक्त रमेश घोलप ने कहा कि स्कूल से बाहर समाज से भी बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं. इसलिए एक बेहतर विद्यार्थी के साथ-साथ एक नेक इंसान बनकर समाज को नया राह दिखायें. उन्होंने कहा कि सफलता की ऊंचाई पर पहुंचना तो आसान हैं, लेकिन उस पर बने रहना बड़ा काम है. सफल बच्चों से निरंतरता बनाये रखने के साथ-साथ लक्ष्य प्राप्त करने की बात कही. बच्चों को अपने संघर्ष के जीवन से अवगत कराते हुए उन्हें कई सीख दी. यूपीएससी, एमपीएससी की तैयारी का अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए प्रेरणा की जरूरत होती है. आपकी सबसे बड़ी प्रेरणा आपका सबसे खराब हालात होती है. अगर इसे चुनौती बनाएं तो, जीवन में बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं. विपरीत हालत में कुछ लोग टूट जाते हैं, जो नहीं टूटते वह रिकॉर्ड तोड़ते हैं. उन्होंने प्रभात खबर की इस आयोजन की सराहना करते हुए बधाई दी.
लक्ष्य निर्धारित कर प्राप्त करें सफलता
डीडीसी पवन कुमार मंडल ने प्रभात खबर की आयोजन की सराहना की. उन्होंने समारोह हॉल में मौजूद बच्चो का मनोबल बढ़ाया. उन्हें लक्ष्य निर्धारित पढ़ाई करने व मिशन मोड में सफलता हासिल करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि सफल बच्चों की डिक्सनरी में असफलता नाम का कोई शब्द नहीं होता हैं. इसलिए लक्ष्य निर्धारित करे और सफलता को प्राप्त करें. उन्होंने बच्चो को आगे की जीवन के लिए संघर्ष करने की बात कही.
मेरे करियर में प्रभात खबर की रही अहम भूमिका
डीएसपी मुख्यालय रोहित कुमार रजवार ने बच्चों को संबोधित करते हुए अपने संघर्ष के दिनों को याद किया. उन्होंने कहा कि मेरे करियर में प्रभात खबर की अहम भूमिका रही है. 2008 में मेरी पहली सफलता पर धनबाद में सम्मान मिला था. 2010 में हजारीबाग में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में सम्मानित होने का अवसर मिला था. तत्कालीन एसपी पंकज कंबोज के मोटिवेशन से पुलिस सेवा में आने का मन बनाया और छठी जेपीएससी क्रैक कर डीएसपी बना हूं. इस प्रतिभा सम्मान समारोह का छात्र जीवन में अलग महत्व है, जिसे मैंने महसूस किया है. उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज से लेकर हर जगह बड़ी प्रतिस्पर्द्धा है. इसलिए अभी से कड़ी तैयारी करें. जिन बच्चों को पता नहीं होता है कि क्या करना है, वह बच्चे भविष्य में कुछ नहीं कर पाते. इसलिए अपना लक्ष्य अभी से ही निर्धारित कर लें. उन्होंने अभिभावकों से बच्चों पर अपना निर्णय नहीं थोपने व बच्चों की इच्छा का सम्मान करने की बात कही. बच्चे अपने रूचि के अनुसार पढ़ाई कर अपना करियर चुनें.
अनुशासित रहकर लक्ष्य की ओर बढ़ें
एसडीओ सुरेंद्र उरांव ने सफल बच्चों को बधाई दी. उनकी सफलता के लिए बच्चों के माता-पिता व शिक्षकों का योगदान बताया. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल से पढ़ाई की. नवोदय विद्यालय का छात्र रहा हूं. वहां अच्छा माहौल मिला. संत जेवियर से स्नातक से पढ़ाई की. यूपीएससी छोड़ जेपीएससी की ओर ध्यान लगाया. थर्ड जेपीएससी में सफलता मिल गयी. उन्होंने कहा कि अनुशासित रह कर लक्ष्य के प्रति पूरा समर्पित होकर सफलता हासिल की जा सकती है.
बच्चे समाज का आइकॉन बनें
जिप उपाध्यक्ष बिरजू तिवारी ने कहा कि सफलता का पहली सीढ़ी पर आने के लिए सभी बच्चों को बधाई. उन्होंने चतरा की छवि बदलने के लिए युवक-युवतियों से आह्वान किया. बच्चों को समाज का आइकॉन बनने की बात कही. उन्होंने सशक्त समाज बनाने के साथ-साथ सामाजिक व नैतिक मूल्यों को समाज में बढ़ाने का आह्वान किया.
बच्चों का करियर बनाने में गोल की अहम भूमिका
गोल इंस्टिट्यूट के स्टेट को-ओर्डिनेटर अभिषेक कुमार ने कहा कि गोल संस्थान 26 वर्षों से बच्चों का करियर बनाने का काम कर रहा है. 17 हजार विद्यार्थी संस्थान से जुड़े हैं. जीटीएस एग्जाम में बेहतर करने वाले प्रतिभावान बच्चों को संस्थान एक रुपये लेकर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराता है. यह जो मेडल व सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, वो आपको हमेशा मोटिवेट करेगा. उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है. इसी रास्ते से ही सफलता अर्जित की जा सकती है.
प्रोफेशनल करियर में संस्थान की अलग पहचान
आइसीएफएआई के रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान की 11 यूनिवर्सिटी पूरे देश में संचालित हैं. 2008 से झारखंड में संस्थान की शाखा शुरू की गयी. हमारे संस्थान में बच्चों की पढ़ाई के अलावा प्रैक्टिकल इंवोल्मेंट भी किया जाता है. बच्चों को हर क्षेत्र में पूरी तरह से दक्ष बनाया जाता है. दक्षता निर्माण के साथ-साथ प्रोफेशनल करियर में संस्थान अपनी अलग पहचान बना रहा है. उन्होंने बच्चों से संस्थान से जुड़ने की अपील की.
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