अपने ही आदेश का राजभवन ने किया उल्लंघन, चतरा कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य नियुक्ति मामले में नियम का पालन नहीं
विभावि प्रशासन ने चतरा कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत डॉ आरपी राय को हटा कर वरीयता के आधार पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रामानंद को प्राचार्य का प्रभार दे दिया.
विनोबा भावे विश्वविद्यालय अंतर्गत चतरा कॉलेज, चतरा में प्राचार्य के पद पर असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रभार देने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. राजभवन से झारखंड के विश्वविद्यालयों को जून में ही आदेश मिला था कि किसी भी कॉलेज में किसी शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य/ प्रोफेसर इंचार्ज के पद पर नियुक्त करने में वरीयता का ख्याल रखें.
इस आधार पर विभावि प्रशासन ने चतरा कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत डॉ आरपी राय को हटा कर वरीयता के आधार पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रामानंद पांडेय को प्राचार्य का प्रभार दे दिया. इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया. लेकिन डॉ पांडेय को प्रभार मिलते ही राजभवन ने विवि प्रशासन को दोबारा निर्देश दिया कि चतरा कॉलेज में डॉ आरपी राय को ही प्रभारी प्राचार्य बनाया जाये.
वीसी की सलाह को किया नजरअंदाज :
राजभवन से दोबारा मिले निर्देश के आलोक में विनोबा भावे विवि के कुलपति ने राज्यपाल के ओएसडी को पत्र लिखकर बताया भी कि डॉ आरपी राय असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और पीएचडी भी नहीं हैं.
वहीं कॉलेज में पीजी तक की पढ़ाई होती है. ऐसे में वरीयता के आधार पर डॉ रामानंद पांडेय, जो पीएचडी भी हैं और एसोसिएट प्रोफेसर हैं, को ही प्रभारी प्राचार्य बने रहने दिया जाये. लेकिन कुलपति की बात अनसुनी कर अपने ही पत्र का उल्लंघन करते हुए राजभवन ने डॉ राय को ही प्राचार्य का प्रभार देने का निर्देश दिया. अंतत: तीन दिन बाद ही विवि प्रशासन को अपना आदेश वापस लेते हुए डॉ पांडेय को हटा कर डॉ राय को प्रभारी प्राचार्य बनाना पड़ा.
घटना की हो रही चर्चा, झामुमो छात्र संघ ने लिखा पत्र :
फिलहाल विवि में इसे लेकर काफी चर्चा हो रही हैं. इस बीच झामुमो छात्र संघ के अध्यक्ष चंदन सिंह ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और झारखंड के राज्यपाल को पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी दी है. साथ ही आग्रह किया है कि कोई भी कार्य विवि में नियमानुसार ही किया जाये.