प्रखंड के इचाकखुर्द के सिरिया गांव के किसान राजेंद्र दांगी क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गये हैं. खुद आत्मनिर्भर बन कर दूसरे किसानों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं. गांव के साथ-साथ दूसरे गांव के 100 से अधिक किसानों को खेती करने का गुर सिखाया है. किसान खेती कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. साथ ही अपने बच्चो को उच्च शिक्षा दे रहे हैं.
राजेंद्र 30 वर्षों से खेती करते आ रहे हैं. खेती कर उन्होंने अपने छोटे भाई को शिक्षक बनाया है. बेटा सीए की पढ़ाई कर रहा है. बेटी को स्नातक तक की शिक्षा दी है. यह सब खेतीबारी से हुई आय के कारण संभव हो पाया.
उन्हें खेती करने की प्रेरणा अपने पिता से मिली है. आज वह आधुनिक, रासायनिक व वैज्ञानिक तरीके से खेती कर रहे हैं. राजेंद्र अपने खेतों में बरसाती, गरमा व ठंडा मौसम की फसल लगाते हैं. उनके खेतों में हमेशा हरियाली छायी रहती है.
राजेंद्र ने कहा कि मैट्रिक तक की पढ़ाई करने के बाद पिता के साथ खेती में हाथ बंटाने लगा. धीरे-धीरे खेती में रम गया. बैंक से ऋण लेकर ट्रैक्टर खरीदा. नयी तकनीक से खेती कर अच्छी आमदनी कर रहा हूं. खेती को ही जीविका का मुख्य साधन बनाया. हर साल साग-सब्जी बेच कर तीन से चार लाख रुपये की आमदनी करता हूं. उन्होंने बताया कि आसपास के करीब 20 लोगों को रोजगार दिया है.