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ग्रामीण बच्चों को नहीं मिल रहा ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ

वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बहुत कुछ बदल गया है. स्कूली बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं. लॉकडाउन की वजह से बच्चों की पढ़ाई का पैटर्न बदल गया है. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2020 6:30 AM

चतरा : वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से बहुत कुछ बदल गया है. स्कूली बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं. लॉकडाउन की वजह से बच्चों की पढ़ाई का पैटर्न बदल गया है. बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है. शिक्षक व्हाट्स एप ग्रुप व जूम एप के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं. हालांकि ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ शहर के बच्चों को ही मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे मोबाइल नेटवर्क, बिजली व स्मार्ट फोन नहीं होने की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. चार माह से सभी स्कूल बंद है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों से ज्यादा परेशानी हो रही है. ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाने की वजह से उनका कोर्स पीछे हो रहा है.

क्या कहते हैं अभिभावक : अभिभावक संजय भुइयां ने कहा कि जिस देश में फोन पर ठीक से बात नहीं हो पाती है, उस देश में मोबाइल पर पढ़ाई कर पाना संभव नहीं है. सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई करना बालू से तेल निकालने जैसा होगा. शिक्षक तो मेहनत कर रहे हैं, पर जहां गरीब तबके के लोगों के पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं वो मोबाइल कहां से खरीदेंगे. पैसा कहां से आयेगा.

क्या कहते हैं शिक्षक : शिक्षिका सब्बा एजाज ने कहा कि जिनके पिता जागरूक व बच्चे लगनशील हैं, उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ मिल रहा है. ऑनलाइन में स्कूल की तरह पढ़ाई तो संभव नहीं है, लेकिन विकल्प के रूप में बेहतर है. क्लास में सभी बच्चों पर नजर रखी जाती है. मोबाइल पर एक ही बच्चा पढ़ाई कर पाता है. पढ़ाई के लिए अभिभावकों को भी बच्चों पर नजर रखनी होगी. शिक्षक रोशन झा ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई में होम वर्क देखना व बच्चों की कॉपी की जांच करने में थोड़ी परेशानी होती है. कुछ शरारती बच्चे मोबाइल को जान बूझ कर डिस्कनेक्ट कर देते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई अधूरी रह जाती है. माता-पिता को भी इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है. पढ़ाई में माता-पिता भी बच्चों को सहयोग करें. तभी उनका मनोबल बढ़ेगा.

क्या कहते हैं बच्चे : कक्षा दशम के छात्र अमरंजय कुमार ने कहा कि मोबाइल पर पढ़ाई करने में कई समस्याओं से जूझना पड़ता है. कभी नेटवर्क तो कभी दूसरे छात्रों का शोर झेलना पड़ता है. एक लिमिट समय के बाद अपना प्रश्न नहीं पूछ पाते हैं. ठीक से समझ में नहीं आता है. कभी-कभी मोबाइल का डेटा भी समाप्त हो जाता है. कई साथियों के पास स्मार्ट फोन नहीं है. वे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.

कक्षा पांच की आनवी प्रिया ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा अच्छी है, लेकिन घर में एक मोबाइल है और पढ़ने वाले तीन हैं. सभी का क्लास एक ही समय पर होता है. ऐसे में तीनों की पढ़ाई संभव नहीं है. जब तक स्कूल नहीं खुल पाता सही से पढ़ाई कर पाना मुश्किल है. मोबाइल पर देख कर पढ़ना, समझना व होम वर्क बनाना काफी कठिन है.

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