प्रकृति के प्रेम का त्योहार है सरहुल: मंत्री

सरना टंगरी में सरहुल महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2024 7:30 PM

चतरा. जिला मुख्यालय के पकरिया स्थित सरना टंगरी में सरहुल महोत्सव का मुख्य कार्यक्रम हुआ. केंद्रीय सरना समिति की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. पाहन कृष्णा केरकेट्टा ने विधि-विधान से पूजा की. पूजा के बाद नववर्ष मनाया गया, तत्पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया. इसके पश्चात भव्य शोभायात्रा निकाली, जिसमें जिले भर से आये युवक-युवतियां शामिल हुए. सभी मांडर व ढोल नगाड़े की थाप पर झूमते रहे. शोभायात्रा शहर के मुख्य डाकघर होती हुई गुदरी बाजार, केसरी चौक, मारवाड़ी मोहल्ला, थाना रोड होकर जतराहीबाग पहुंची. इसके बाद शोभायात्रा में शामिल लोग पुराना सरना टोंगरी पहुंचे, जहां कार्यक्रम का समापन किया गया. शोभायात्रा को देखने के लिए शहर मे काफी भीड़ देखी गयी. चिलचिलाती धूप में लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर शोभायात्रा में शामिल हुए. इस मौके पर राज्य के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि सरहुल आदिवासियों का मुख्य पर्व है. इस दिन आदिवासी समुदाय के लोग साल के पेड़ की पूजा करते हैं. साल का पेड़ उन्हें आश्रय प्रदान करता है. मौसम की मार से बचाता है. इसलिए आदिवासी समुदाय इसकी पूजा करता है. यह पर्व पालतू पशु व मानव के बीच प्रेम स्थापित करता है. आदिवासी लोग अपने पूर्वजों के काल से प्रकृति की पूजा करते आ रहे हैं. सरहुल हमें पेड़, पौधा व पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश देता है. शोभायात्रा में डाढा, पकरिया, सरहुद, हंटरगंज, टंडवा, सिमरिया, लावालौंग ,कान्हाचट्टी, सदर, तुलबुल बरैनी, कठौतिया के अलावा कई गांव के लोग शामिल हुए. मौके पर एसडीओ सुरेंद्र उरांव, महेश बांडो, सोमा उरांव,सुरेश उरांव समेत कई मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version