Sawan 2020 : इटखोरी (चतरा) : सावन माह के पहली सोमवारी के मौके पर मां भद्रकाली (Maa bhadrakali) और सहस्त्रशिवलिंगम (Sahastrasivalingam) का दर्शन नहीं हो सका. भले ही मंदिर में श्रद्धालु नहीं आ सके, लेकिन मंदिर परिसर को 70 हजार फूलों से आकर्षक रूप से सजाया गया है. फूलों से सजे मंदिर श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचने की कोशिश करती है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) के कारण श्रद्धालु न तो मां भद्रकाली का दर्शन कर पा रहे हैं और न ही सहस्त्रशिवलिंगम पर जलाभिषेक.
श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद होने के कारण सावन माह के पहले सोमवार से ही मंदिर परिसर में वीरानी छायी है. विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले कांवरियों का जत्था भी नहीं आया. जानकारों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ कि सावन माह में मंदिर वीरान रहा है. मालूम हो कि कोरोना वारयरस संक्रमण (Coronavirus infection) की रोकथाम के मद्देनजर पिछले 100 दिन से मंदिर बंद है.
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जानकारी के अभाव में जो श्रद्धालु मंदिर आये वो मुख्य गेट के बाहर से ही माथा टेक कर लौट गये. मां भद्रकाली और सहस्त्रशिवलिंगम का दर्शन नहीं होने के कारण काफी निराश हुए. बिहार से आये लोगों को बिना पूजा अर्चना किये लौटना पड़ा.
प्रचलित मान्यता के अनुसार, सहस्त्रशिवलिंगम पर जलाभिषेक करने के काफी लाभ है. शिवलिंगम में 1008 शिवलिंग उत्कीर्ण है. एक बार जलाभिषेक करने पर 1008 बार जलाभिषेक के बराबर होता है.
सावन माह के मौके पर मां भद्रकाली मंदिर परिसर को 70 हजार फूलों से सजाया गया है. पूरे मंदिर परिसर को गेंदा, रजनीगंधा, उड़हुल और गुलाब के फूलों से सजाया गया है. चतरा के संजय ठाकुर, धर्मनाथ ठाकुर और पंकज पांडेय ने विशेष सहयोग दिया है. सजावट देखकर अधिकारी भी काफी खुश दिखे. नियमित रूप से माता को खीर का भोग लगाया गया. एक श्रद्धालु ने भोग प्रसाद चढ़ाया.
सावन माह के पहले सोमवार को शिवालयों में पूजा अर्चना की गयी. महिलाओं और शिव भक्तों ने गांव व टोला मोहल्लों के शिवालयों में पूजा अर्चना की. लोगों ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. लोगों ने उल्लास के साथ सोमवारी पूजा किया.
Posted By : Samir ranjan.