जिला सहकारिता पदाधिकारी पर लगे आरोप की जांच करने दो सदस्यीय टीम चतरा पहुंची. टीम में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल हजारीबाग सहयोग समितियां के संयुक्त निबंधक सुशील कुमार व सहयोग समितियां झारखंड रांची के उप निबंधक जयप्रकाश शर्मा शामिल हैं. दोनों पदाधिकारियों ने डीसीओ पर लगे आरोपों की जांच की. डीसीओ पर जिले के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी (बीसीओ) एवं कर्मियों ने गंभीर आरोप लगाये हैं. इस मामले में पांच बीसीओ व एक कर्मी ने विभाग के संयुक्त निबंधक से शिकायत की थी.
इसमें कहा गया था कि डीसीओ पदाधिकारियों एवं कार्यालय कर्मियों का लगातार भयदोहन व मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहते हैं. कर्मियों से अभद्र व्यवहार एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है. डीसीओ के पति दिन भर कार्यालय में उपस्थित रह कर दलाली करते हैं. उनके पति समिति के निबंधन, बीज वितरण, धान अधिप्राप्ति आदि योजनाओं में उगाही करते हैं. उनकी प्रताड़ना से तंग होकर बीसीओ दिलीप कुमार की ह्रदयगति रुकने से मौत हो गयी थी. इसके अलाव कई और आरोप लगाये गये थे. जांच टीम के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने पर लोग आक्रोशित हो गये.
डीसीओ नीलम कुमारी ने बीसीओ और कर्मी द्वारा लगाये गये आरोप को निराधार बताया है. कहा कि उनके ऊपर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद, मनगंढ़त हैं. बीसीओ को क्षेत्र में रह कर काम करने को कहा जाता है, पर ऐसा नहीं करते हैं. सिमरिया बीसीओ विकास रंजन हजारीबाग में रहते हैं. बीसीओ हजारीबाग से बाई मीट्रिक्स से हाजिरी बना कर क्षेत्र से गायब थे. उन्होंने बताया कि हंटरगंज बीसीओ अनिल कुमार गुप्ता जुलाई महीने में रांची में बाई मीट्रिक्स से हाजिरी बना कर क्षेत्र से गायब थे. जिला स्तरीय बैठक और राज्य स्तरीय वीसी में रहने को कहा जाता है. बैठक में भी उपस्थित नहीं होते हैं. काम करने के लिए कहने पर ही गलत आरोप लगाया है.