: गांव छोड़ कर दूसरी जगहों पर रहने को विवश हैं लोग
: सुरक्षा कारणों का हवाला देकर हिंदियाकला नहीं पहुंच रहे हैं पदाधिकारी
मो तसलीमचतरा. टीएसपीसी उग्रवादियों द्वारा कुंदा थाना क्षेत्र के हिंदियाकला गांव में पिता-पुत्र की निर्मम हत्या किये जाने की घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी गांव में कोई पदाधिकारी नहीं पहुंचे हैं. सरकार, जिला व पुलिस प्रशासन ने सुध नहीं ली है, जिसके कारण लोग डर के साये में रह रहे हैं. गांव में एक्का दुक्का लोग ही रह रहे हैं. उग्रवादियों के डर से अधिकतर लोग दूसरी जगहों पर चले गये हैं. गांव में सन्नाटा पसरा है. मृतक के परिजनों की आज तक किसी ने कोई सुध नहीं ली. मृतक के परिजन घर छोड़ कर दूसरी जगहो पर रह रहे हैं. इस मामले में खुल कर कोई भी कुछ बोलने से कतरा रहा है. क्षेत्र में उग्रवादी सक्रिय हैं. टीएसपीसी उग्रवादियों के कुछ समर्थक क्षेत्र के हर गतिविधि की जानकारी उग्रवादियों तक पहुंचा रहे हैं. जो लोग गांव में हैं, वे सरकार व प्रशासन के नहीं पहुंचने से असहाय महसूस कर रहे हैं. सुरक्षा कारण बता कर जिला व पुलिस प्रशासन के पदाधिकारी वहां नहीं पहुंच रहे हैं. बता दें कि 25 मई की रात 60-70 की संख्या में टीएसपीसी उग्रवादी हिंदियाकला गांव पहुंचे और पुलिस मुखबिरी व विकास योजनाओं में लेवी लेने में बाधक बनने के आरोप में पंकज बिरहोर व उसके पिता बीफा बिरहोर की हत्या कर दी थी, जिससे क्षेत्र में दहशत है. लोगों में उग्रवादियों की दहशत दिख रही हैं. लोग सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं.
पुलिस बल कम होने का उठा रहे हैं फायदावर्तमान में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है, जिसमें अधिकतर पुलिस बल व सीआरपीएफ लगे हुए हैं, जिसका फायदा उग्रवादी उठा रहे हैं. क्षेत्र में सक्रिय होकर लेवी वसूलने व अन्य गतिविधि कर रहे हैं. इन दिनों जंगल में केंदू पत्ता का समय चल रहा है. पत्ता ठेकेदारों से उग्रवादी लेवी वसूल रहे हैं. टीएसपीसी उग्रवादियों के सक्रिय होने के कारण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक बार फिर दहशत जैसा माहौल लग रहा है. हालांकि पुलिस भी सीमित सुरक्षा बल के साथ लगातार क्षेत्र में उग्रवादियों के विरुद्ध अभियान चला रही है.
राशन व आर्थिक सहयोग किया गया : बीडीओ प्रतापपुर बीडीओ अजय कुमार दास ने बताया कि मृतकों के परिजनों को प्रखंड मुख्यालय बुला कर राशन व आर्थिक सहयोग किया गया है. सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. हिंदियाकला गांव फिलहाल संवेदनशील होने के कारण वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिला व प्रखंड प्रशासन मामले को गंभीरता से लेकर हर संभव राहत पहुंचाने का प्रयास कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है