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प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, डॉक्टर ने किया ऑपरेशन से इनकार

केंद्र व राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है, ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके, लेकिन सदर अस्पताल मेंं इलाज कराने वाले मरीजों के साथ ही दुर्व्यवहार किया जाता है.

चतरा. केंद्र व राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च कर रही है, ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके, लेकिन सदर अस्पताल मेंं इलाज कराने वाले मरीजों के साथ ही दुर्व्यवहार किया जाता है. ताजा मामला शनिवार को देखने को मिला. जहां जोरी के सलैया निवासी रंजीत यादव की पत्नी प्रियंका कुमारी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल लाया गया. ड्यूटी पर तैनात डॉ सपना अग्रवाल ने प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला का ऑपरेशन करने से इनकार करते हुए रेफर करने लगी. जब परिजन अस्पताल में ऑपरेशन करने की मांग की तो डॉ सपना अग्रवाल ने परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया. साथ ही ड्यूटी छोड़ कर चली गयीं. परिजनों ने इसकी सूचना सांसद कालीचरण सिंह को दी. सांसद ने मामले को संज्ञान में लेते हुए अपने प्रतिनिधि विनय सिंह व बैजनाथ यदुवंशी को सदर अस्पताल भेजा. सांसद प्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद सदर अस्पताल में ही डीएस डॉ मनीष लाल ने महिला का ऑपरेशन कर प्रसव कराया. महिला ने पुत्र को जन्म दिया. रंजीत यादव ने बताया कि पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर शुक्रवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर सदर अस्पताल लेकर आया और भर्ती कराया. जहां नर्स ने पांच से छह घंटे में नॉर्मल डिलेवरी होने की बात कही. सुबह छह सात बजने के बाद भी प्रसव नहीं होने पर नर्स से मिला तो कहा कि नॉर्मल डिलेवरी नहीं हो पायेगी. सुबह नौ बजे के बाद जब ड्यूटी पर आयी डॉ सपना अग्रवाल पहुंची तो वो महिला को रेफर करने लगी. कहा कि प्राइवेट या सरकारी अस्पताल रेफर कर दें. इस पर कहा कि पत्नी को काफी पीड़ा हो रही है. ओटी असिस्टेंट नहीं होने की बात कर जबरन रेफर करने लगी. इस पर डीएस से मुलाकात की. डीएस ने कहा कि डॉ सपना अग्रवाल से अनुरोध करो. अनुरोध करने पहुंचे तो डॉ सपना अग्रवाल व उनके पति डॉ प्रवीण कुमार ने दुर्व्यवहार करते हुए कहा कि हमसे ज्यादा जानते हो यह कहते हुए ड्यूटी छोड़ कर चले गये. सांसद प्रतिनिधि विनय सिंह ने कहा कि सदर अस्पताल में इस तरह मरीजों के साथ चिकित्सकों का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है. आगामी बैठकों में इस मामले को उठा कर संबंधित विभाग से कार्रवाई करायी जायेगी. साथ ही डीसी से शिकायत की जायेगी.

शॉ-कोज के साथ वेतन कटेगी : सीएस

सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार ने कहा कि यह मामला काफी खेदजनक हैं. चिकित्सक की पदस्थापना मरीजों के उपचार के लिए की जाती है. डॉ सपना अग्रवाल ने गर्भवती महिला को ऑपरेशन करने की जानकारी मिली, इसके बाद डीएस को दूसरे चिकित्सक से ऑपरेशन का निर्देश दिया. डॉ सपना अग्रवाल को शॉ-कोज किया जायेगा. साथ ही आज का वेतन अवरूद्ध किया जायेगा.

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