चतरा/टंडवा : जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण एनटीपीसी पावर प्लांट के निर्माण में विलंब हो रहा है. जमीन अधिग्रहण में जिला प्रशासन का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है. उक्त बातें एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक आसीम कुमार गोस्वामी ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि पावर प्लांट निर्माण में तीन रिजर्व वायर(जलाशय) बनना है, पर जमीन की समस्या के कारण अबतक एक ही रिजर्व वायर का निर्माण पूरा हुआ है. जमीन की समस्या दूर करने को लेकर डीसी से लेकर सरकार के संयुक्त सचिव, भू-राजस्व विभाग के सचिव से मिल चुके हैं. अब वे मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मिलेंगे.
उन्होंने बताया कि रिजर्व वायर नंबर तीन बनकर तैयार है. रिजर्व वायर नंबर एक 329 एकड़ व रिजर्व वायर दो 178 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित है. अभी तक एक में 75 एकड़ व दो में 68 एकड़ जमीन हस्तांतरित नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि झारखंड में देश का पहला सबसे आधुनिक पावर प्लांट टंडवा में बन रहा है, जो एयर कूल्ड तकनीक पर कार्य करेगा. प्लांट निर्माण से सबसे ज्यादा फायदा झारखंड को होगा.
एनटीपीसी टंडवा पावर प्लांट के नजदीक कोल परियोजना होने के कारण सबसे सस्ती बिजली बनेगी, जिसका लाभ सीधा तौर पर झारखंड के लोगों को मिलेगा. वर्तमान में झारखंड लगभग पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रहा है. इस पावर प्लांट को बनने से झारखंड को तीन रुपये से कम दर पर बिजली मिलेगी. यहां से बिजली दूसरे राज्यों में भी जायेगी, जिससे सरकार को राजस्व मिलेगा.
उन्होंने बताया कि प्लांट निर्माण में जितना विलंब होगा, बिजली की लागत बढ़ती जायेगी. जल्द जमीन का अधिग्रहण कार्य पूरा हुआ तो कुछ माह में पावर प्लांट की तीन में से एक यूनिट में बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगा. वहीं शेष दो यूनिट में छह माह की अंतराल में शुरू हो जायेगी. इनके चालू होते ही झारखंड में 660 मेगावाट एयरकूल्ड तकनीक से बिजली उत्पादन शुरू हो जायेगा.
posted by : sameer oraon