बेरोजगारी व कर्ज ने ली प्रवासी मजदूर की जान
लॉकडाउन में कर्ज और बेरोजगारी की दोहरी मार झेल रहे चतरा के कान्हाचट्टी प्रखंड के तुलबुल गांव निवासी मजदूर सोमारी भुइंया (40 वर्ष) ने चेन्नई में आत्महत्या कर ली. मंगलवार की रात परिवार के जब अन्य सदस्य सो रहे थे
कान्हाचट्टी : लॉकडाउन में कर्ज और बेरोजगारी की दोहरी मार झेल रहे चतरा के कान्हाचट्टी प्रखंड के तुलबुल गांव निवासी मजदूर सोमारी भुइंया (40 वर्ष) ने चेन्नई में आत्महत्या कर ली. मंगलवार की रात परिवार के जब अन्य सदस्य सो रहे थे, तभी उसने फांसी लगा कर जान दे दी. वह छह माह पूर्व सपरिवार चेन्नई गया था. वहां की एक निजी कंपनी में मजदूरी कर अपनी पत्नी और छह बच्चों का भरण-पोषण करता था. इसी दौरान कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन शुरू हो गया. कंपनी में काम-काज बंद हो गया. उसके पास खाने-पीने व घर लौटने तक के पैसे नहीं थे. किसी तरह कर्ज लेकर सौ दिन तक काम चलाया और काम शुरू होने का इंतजार करता रहा.
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कान्हाट्टी के तुलबुल गांव का रहनेवाला था सोमारी भुइयां
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छह माह पहले सपरिवार गया था चेन्नई, सौ दिन तक कर्ज लेकर किसी तरह चलाया काम
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लॉकडाउन के कारण बंद हो गयी कंपनी, आठ लोगों की थी जिम्मेवारी
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परिजनों ने सीएम से शव घर लाने की लगायी गुहार
छह महीना पहले लिया था कर्ज : पत्नी मालती देवी ने बताया कि सोमारी ने छह माह पहले गांव में फ्रेंचाइजी कंपनी द्वारा संचालित महिला समूह से 30 हजार रुपये कर्ज लिया था. लोन लेने के दो माह बाद से लगातार कंपनी के मैनेजर पैसा वापसी को लेकर फोन करने लगे, जिससे वह परेशान हो गया. सोमारी भुइयां के समक्ष पांच पुत्री और एक पुत्र समेत आठ लोगों के भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया. इससे तनाव में आकर उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. सोमारी की मौत के बाद उसकी पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है. उनका चेन्नई में कोई सहारा नहीं है. ग्रामीणों और परिजनों ने मुख्यमंत्री से सोमारी भुइयां के शव को घर लाने की गुहार लगायी है.
Post by : Pritish Sahay