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चतरा में चार घंटे तक महिला की अटकी रही सांस, तैराकों ने सुरक्षित निकाला

नदी में बालू का उठाव कर रहे ट्रैक्टर चालकों ने उसे देखा, फिर इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. ग्रामीणों की सूचना पर थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह दल बल के साथ पहुंचे, फिर ट्यूब व रस्सी की व्यवस्था की गयी

चतरा व हजारीबाग जिले की सीमा पर पेटादेरी गांव से होकर गुजरी बड़ाकर नदी में एक महिला फंस गयी. उसकी पहचान राजेंद्र यादव की पत्नी मंजू देवी के रूप में की गयी. गनीमत यह रही है कि चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तब तक महिला की सांसें अटकी रही. बताया गया कि महिला शुक्रवार की दोपहर को नदी में कपड़ा साफ करने गयी थी. इसी बीच नदी में बाढ़ आ गयी और वह नदी के तेज धार में फंस गयी.

नदी में बालू का उठाव कर रहे ट्रैक्टर चालकों ने उसे देखा, फिर इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. ग्रामीणों की सूचना पर थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह दल बल के साथ पहुंचे, फिर ट्यूब व रस्सी की व्यवस्था की गयी. स्थानीय तैराकों के सहयोग से उक्त महिला को नदी से सुरक्षित बाहर निकाला गया. महिला दोपहर 12 बजे से चार बजे तक फंसी रही. इससे पहले महिला नदी के बीच ऊंचे टीले पर पहुंच कर मदद की गुहार लगा रही थी.

थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि नदी से महिला को बाहर निकालने वाले तैराकों को जीवन रक्षक पदक से सम्मानित किया जायेगा, जिसमें उप प्रमुख पति सिकेंद्र यादव, प्रीतम यादव, मुकेश यादव, उमेश यादव, मदन यादव व महिला का पुत्र दीपक यादव शामिल हैं. मौके पर आजसू के केंद्रीय कार्य समिति सदस्य सत्येंद्र प्रसाद भगत, धर्मराज राणा, अजीत कुशवाहा, प्रेम यादव समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे.

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