सिमरिया. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं इन दिनों सखुआ पेड़ से गिरने वाले सरय दाना (सखुआ बीज) बेच कर अच्छी आमदनी कर रही हैं. हर रोज महिलाएं जंगल जाकर सखुआ बीज चुन रही हैं. उसे सूखा कर बेच रही हैं. सरय दाना चुनने में छोटे-छोटे बच्चे भी सहयोग कर रहे हैं. महिलाएं सीजन में एक क्विंटल से लेकर ढाई क्विंटल तक सरय दाना चुन लेती हैं. व्यापारी गांव में ही आकर सरय दाना 20 रुपये प्रति किलो खरीद रहे हैं. जिस गांव में व्यापारी नहीं पहुंचते हैं, वहां की महिलाएं बाजार जाकर बेचती हैं. सरय दाना बेच कर महिलाएं दो माह के राशन का जुगाड़ करती हैं. महुआ फल के बाद सरय दाना ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए बिना पूंजी का व्यापार बना हुआ है. प्रखंड के कसियाडीह, चंदिया, लोबगा, जांगी, चाडरम, जबड़ा, केंदू, कसारी, सिकरी, हुरनाली, लेपो, पीरी, सोस, बांझी, लुतीसार, चोपे, तिबाब आदि गांवों में बड़े पैमाने पर महिलाएं सरय दान चुन कर आमदनी कर रही हैं. सरय के दाना से तेल निकाला जाता है और साबुन बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. महिलाओं ने कहा : लोबगा गांव की सुनीता देवी ने कहा कि हर साल एक से दो क्विंटल सरय चुनती हूं. इससे चार से पांच हजार रुपये की आमदनी होती है. जीरा देवी ने कहा कि एक क्विंटल सरय दाना चुन कर सूखा कर बेचने से दो हजार रुपये तक की आमदनी हो जाती है, जिससे चावल, दाल व जरूरत का सामान खरीदती हूं.
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