Chirudih Firing Case: झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी को 10-10 साल की सजा
Chirudih Firing Case: चिरूडीह हत्याकांड (बड़कागांव, हजारीबाग) मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी काे रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने विभिन्न धाराओं में 10-10 साल की सजा सुनायी है.
Chirudih Firing Case: चिरूडीह हत्याकांड (बड़कागांव, हजारीबाग) मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी काे रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने विभिन्न धाराओं में 10-10 साल की सजा सुनायी है. अदालत ने जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि पति-पत्नी जितनी दिन की सजा काट चुके हैं, उसे इस सजा में समायोजित कर लिया जाये़ इस मामले में योगेंद्र साव के पुत्र अंकित कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर िदया गया था.
योगेंद्र साव को विभिन्न धाराओं में छह तथा निर्मला देवी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके पूर्व 22 मार्च को दोनों को इस मामले में अदालत ने दोषी करार दिया था. योगेंद्र साव पहले से ही जेल में हैं, जबकि मंगलवार को जमानत पर रहनेवाली निर्मला देवी को अदालत के आदेश पर हिरासत में लेकर बिरसा मुंडा केंद्रीय होटवार जेल भेज दिया गया था. गुरुवार को दोनों वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उपस्थित हुए. दिन के एक बजे अदालती कार्रवाई शुरू हुई. लगभग 1़ 25 बजे अदालत ने सजा सुनायी. इस मामले में अभियोजन की अोर से अपर लोक अभियोजक परमानंद यादव व बचाव पक्ष की ओर से रोहित रंजन ने पैरवी की. अभियोजन की ओर से 20, जबकि बचाव पक्ष की ओर से सात गवाह पेश किये गये थे़
-
जानकारी के अनुसार, छह साल बाद इस मामले में निचली अदालत ने फैसला सुनाया है.
-
योगेंद्र साव पर विभिन्न धाराओं में छह तथा निर्मला देवी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगा
-
योगेंद्र साव व उनकी पत्नी निर्मला देवी दोनों वीडियो कांफ्रेंसिंग से अदालत में हुए पेश
-
एनटीपीसी के खनन कार्य के विरोध में कफन सत्याग्रह आंदोलन किया गया था
-
एक अक्तूबर 2016 को पुलिस के साथ हुई झड़प में चार लोगाें की मौत हो गयी थी
किन-किन धाराओं में पति-पत्नी को सुनायी गयी सजा
योगेंद्र साव व निर्मला देवी दोनों को धारा-325, 326- गंभीर रूप से घायल करने, 148- दंगा फसाद कराने, 307- जानलेवा हमला, 333- आगजनी कराने, 188- निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने, 353-सरकारी काम में बाधा सहित 11 धाराओं में अलग-अलग सजा सुनायी गयी. इसमें अधिकतम 10 साल की सजा अदालत ने सुनायी. अन्य धाराआें में अलग-अलग सजा सुनायी गयी. सभी सजाएं साथ-साथ चलाने का आदेश अदालत ने दिया़
महिला थाना प्रभारी ने वर्दी फाड़ने की बात कही
इस मामले में अभियोजन की ओर से 20 गवाहों ने गवाही दी थी. इसमें मुख्य गवाह हजारीबाग की तत्कालीन महिला थाना प्रभारी एमलटीना एक्का भी थी. उन्होंने निर्मला देवी के खिलाफ गवाही देते हुए कहा था कि एक अक्तूबर 2016 की गिरफ्तारी के बाद निर्मला देवी ने उनकी वर्दी फाड़ दी थी, स्टार व रिबन नोच लिया था और धक्का-मुक्की की थी़
योगेंद्र पर हैं कुल 27 केस, 11 में हो चुके हैं बरी
पूर्व मंत्री योगेंद्र साव साढ़े चार साल से जेल में हैं. उन पर हजारीबाग में कुल 27 केस दर्ज है़ं 11 मामले में बरी हो चुके हैं. यह 12वां मामला है, जिसमें उन्हें सजा सुनायी गयी. अब भी उन पर 15 मामले में ट्रायल चल रहा है़
क्या है मामला
हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र के चिरूडीह में एनटीपीसी के खनन के विरोध में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व निर्मला देवी ने कफन सत्याग्रह शुरू किया था. 29, 30 सितंबर 2016 को खनन कार्य ठप कर दिया गया था़ वहां निर्मला देवी के नेतृत्व में उनके समर्थक धरना पर बैठे थे. हालांकि प्रशासन ने वहां 15 सितंबर 2016 से निषेधाज्ञा लागू कर रखा था. एक अक्तूबर 2016 को पुलिस ने निर्मला देवी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आंदोलनकारी उग्र हो गये थे. उन्होंने पुलिस पर हमला कर निर्मला देवी को छुड़ा लिया. पुलिस काे अपने बचाव में गोली चलानी पड़ी थी़, जिसमें मो माहताब, रंजन दास, पवन साव, अभिषेक राय की मौत हो गयी थी.
Posted by: Pritish Sahay