अक्तूबर से 10 फीसदी महंगा हो जायेगा कोयला, रिजर्व प्राइस पर होगी कोयले की बिक्री
कोयले की कीमत में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है
धनबाद : नवंबर में कोयले का दाम बढ़ जायेगा. कोल कंपनियां कोयले की कीमत में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है. कोयले की मांग में तेजी तथा बाजार की स्थिति में सुधार को देखते हुए कोल इंडिया प्रबंधन ने कोविड-19 के कारण कंज्यूमरों को कोयला की खरीदारी पर दी जा रही छूट को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस आलोक में कोल इंडिया के कंपनी सेक्रेटरी एम विश्वनाथन के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
जिसके मुताबिक 25 सितंबर, 2020 को कोल इंडिया (मुख्यालय) में आयोजित 412 वीं कोल इंडिया बोर्ड की बैठक में विभिन्न इ-ऑक्शन के माध्यम से बिक्री होने वाले कोयले का नोटिफाइड व रिजर्व प्राइस का निर्धारण करते हुए रिजर्व प्राइस पर कंज्यूमरों को दी जाने वाली 10 प्रतिशत की छूट वापस लेने की घोषणा की गयी है. साथ ही अक्टूबर से कोल कंपनियां विभिन्न प्रकार के इ-ऑक्शन के माध्यम से कोयला बिक्री के लिए रिज़र्व प्राइस में 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती है, जबकि नवंबर माह से कोल कंपनियों को फ्री कर दिया गया है.
यानी नवंबर के बाद कोल कंपनियां पूर्व की तरह अपने मुताबिक कोयले का रिजर्व प्राइस तय करेंगी. कोल इंडिया के इस निर्णय से जहां कोल कंपनियों को कोयला बिक्री पर प्रति टन 150 से 1500 रुपये तक अतिरिक्त लाभ होगा, वहीं कंज्यूमरों को आर्थिक नुकसान होगा. बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण जारी लॉकडाउन तथा उससे उत्पन्न बाजार की स्थितियों को देखते हुए कोल इंडिया बोर्ड ने रिज़र्व प्राइस के बजाय नोटिफाइड प्राइस पर कोयला बिक्री का निर्णय लिया था. वर्तमान में कोयले का नोटिफाइड व रिज़र्व प्राइस दोनों एक है.
लॉकडाउन के कारण कोल इंडिया व उसकी सहायक कंपनियों का कोयला डिस्पैच पूरी तरह से प्रभावित होने के कारण बीसीसीएल, इसीएल व सीसीएल सहित अन्य कोल कंपनियों के स्टॉक में कोयला बढ़ गया था. मंदी के दौर में कोयले की बिक्री बढ़ाने तथा कंज्यूमर को राहत देते हुए कोल इंडिया प्रबंधन ने नोटिफाइड प्राइस पर कोयला बिक्री का निर्णय लिया है, ताकि कंज्यूमर के साथ कोयला डिस्पैच में बढ़ोतरी सुनिश्चित हो सके.
post by : pritish sahay