कोल इंडिया की हड़ताल पर कोरोना का साया
कोल इंडिया में 18 अगस्त की हड़ताल पर कोरोना का साया पड़ा हुआ है. राज्य के सभी कोने से लगातार निकल रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों से मजदूर नेता भी डरे हुए हैं.
रांची : कोल इंडिया में 18 अगस्त की हड़ताल पर कोरोना का साया पड़ा हुआ है. राज्य के सभी कोने से लगातार निकल रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों से मजदूर नेता भी डरे हुए हैं. बड़ी मीटिंग करने से बच रहे हैं. प्रशासन और सीसीएल प्रबंधन भी बड़ी मीटिंग की इजाजत नहीं दे रहे हैं.
इस कारण मजदूर नेता छोटी-छोटी मीटिंग (गेट औ पीट मीटिंग) के माध्यम से हड़ताल सफल बनाने में जुटे हुए हैं. कोयला मजदूर कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. इससे पहले भी जून महीने में तीन दिनों की हड़ताल कर चुके हैं. एक अगस्त को संयुक्त मोरचा के बैनर तले सीसीएल व कोल इंडिया प्रबंधन को हड़ताल की नोटिस दे दी गयी है. आंदोलन में सीटू, इंटक, एटक, बीएमएस और एचएमएस शामिल हैं.
नौ के बाद तेज होगा प्रचार-प्रसार
नौ अगस्त को मजदूर विरोध दिवस मनायेंगे. इसके बाद सभी ट्रेड यूनियनों की मीटिंग तय है. वर्चुअल मीटिंग के बाद आगे की रणनीति पर विचार होगा. मजदूर नेता मानते हैं कि बदली परिस्थिति में आंदोलन सफल करना चुनौती है पर, अनुभव काम आयेगा.
प्रशासन और सीसीएल प्रबंधन से मीटिंग के लिए इजाजत मांगी गयी थी. इजाजत देने से इनकार कर दिया गया है. इस कारण लोगों को छोटी-छोटी सभा कर मुद्दा समझाने की कोशिश हो रही है. इसके बावजूद हड़ताल पूरी तरह सफल होगी.
क्या कहते हैं मजदूर नेता
प्रशासन और सीसीएल प्रबंधन से मीटिंग के लिए इजाजत मांगी गयी थी. इजाजत देने से इनकार कर दिया गया है. इस कारण लोगों को छोटी-छोटी सभा कर मुद्दा समझाने की कोशिश हो रही है. इसके बावजूद हड़ताल पूरी तरह सफल होगी.
लखनलाल महतो, एटक
एक दिन की हड़ताल के लिए तैयारी की बहुत जरूरत नहीं है. पहले से मुद्दा पता है. पीट मीटिंग करते हैं. हाजिरी बनते समय ही लोगों को भाषण देकर चले आते हैं. सभी को स्थिति पता है. इस कारण हड़ताल सफल होगी.
राजेश कुमार सिंह, एचएमएस
फेडरेशन की मीटिंग के लिए गूगल मीट का इस्तेमाल कर रहे हैं. फील्ड के साथियों को इस बार मौका मिल रहा है. वही मजदूरों को मुद्दा बता रहे हैं. इससे नये लोगों को मौका मिल रहा है. नये लोग आ रहे हैं.
आरपी सिंह, सीटू
posted by : sameer oraon