अगर नहीं हुए सावधान तो आप भी हो जायेंगे साइबर ठगी का शिकार

डिजिटल दुनिया के इस दौर में अब साइबर ठगों की सक्रियता काफी बढ़ गयी है. वो ठगी के तरीकों को भी लगातार बदल रहे हैं. अब तक साइबर ठग बैंक ओटीपी, फर्जी प्रोफाइल बनाकर पैसे मांगने जैसे तरीके से ठगी कर रहे थे, लेकिन, अब उन्होंने फ्रॉड करने के नये-नये तरीके ढूंढ लिये हैं.

By Nikhil Sinha | June 12, 2024 8:04 PM

निखिल सिन्हा,जमशेदपुर :
Cyber ​​fraud News:
डिजिटल दुनिया के इस दौर में अब Cyber ​​fraud की सक्रियता काफी बढ़ गयी है. वो ठगी के तरीकों को भी लगातार बदल रहे हैं. अब तक साइबर ठग बैंक ओटीपी, फर्जी प्रोफाइल बनाकर पैसे मांगने जैसे तरीके से ठगी कर रहे थे, लेकिन, अब उन्होंने फ्रॉड करने के नये-नये तरीके ढूंढ लिये हैं. हर बार साइबर अपराधी अलग अलग प्रकार से लोगों को झांसा में लेकर ठगी करते है. पुलिस सूत्रों की माने तो हर दिन साइबर ठगी को लेकर थना में शिकायत दर्ज की जा रही है. Cyber ​​fraudका मामला लालच से शुरू होता है और फिर अपराधी एक बार किसी व्यक्ति को अपने जाल में फांस लेते हैं, तो फिर शुरू होता है पैसे ऐंठने का खेल और ये खेल तब तक चलता है, जब तक पीड़ित का अकाउंट खाली नहीं हो जाता. साइबर ठगों से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप 1 रुपये के भी लालच में न आएं. अगर आप किसी के द्वारा दिए गए प्रलोभन में फंस गए, तो ठगी का शिकार हो जायेंगे. ऐसे में आप भी सतर्क रहिए और भूलकर भी ठगों के झांसे में न आये. साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता सबसे जरूरी है.
Cyber ​​fraud के अलग अलग तरीके :
स्पैमिंग (Spamming): साइबर ठगी का एक ऐसा तरीका है. जिसके बारे में इंसान सोच नहीं सकता है. स्पैमिंग के द्वारा ठग लोगों के ईमेल पर स्पैम मेल भेजते रहते है. जिस मेल में कई प्रकार के लिंक भी होते है. ऐसे में अगर इंसान लिंक को टच करता है या ओपन करता है तो उस इंसान का ई मेल और कंप्यूटर ठग के नियंत्रण में आ जाता है. उसके बाद ठग आसानी से कई जानकारी प्राप्त कर ठगी करते है.
साइबर स्टॉकिंग (Cyber ​​Stalking): साइबर अपराधी इस दौरान लोगों से फोन पर चैट करते है. प्यार भरी बात करते है. जब बातचीत का दायरा काफी ज्यादा हो जाता है तो फोन रिकॉर्डिंग और चैट को वायरल करने की धमकी देकर उसके खाता से संबंधित जानकारी प्राप्त करते है और फिर उसे ब्लैकमेल कर ठगी कर लेते है.
सेक्सट्राॅर्सन (Sextortion) : सेक्सट्रॉर्सन के जरिये साइबर अपराधी लोगों को अपने झांसे में लेकर उससे अश्लील बात करते है. वीडियो काॅल पर भी न्यूड होकर बातचीत करते है. उसके बाद उस बातचीत का वीडियो बना कर महिला या पुरुष को उनका वीडियो भेज कर ब्लैकमेल करते है. फिर वीडियो वायरल नहीं करने के एवज में रुपये की ठगी करते है. इस प्रकार की ठगी में हर उम्र के लोग पीड़ित के रूप में सामने आते है.
घर बैठे रुपये कमाने के नाम पर : घर बैठे रुपये कमाने का लालच देकर भी साइबर अपराधी लोगों को ठग रहे है. साइबर अपराधी लोगों के वाट्सएप पर मैसेज भेज कर घर बैठे रुपये कमाने का ऑफर दे रहे है. ऐसे में वह लोगों को कई प्रकार के ऑफर भी देते है. जब इंसान उसके झांसा में आ जाता है तो उसे पहले छोटा छोटा टास्क देते है. इसके बदले साइबर अपराधी इंसान को रुपये भी देता है. फिर ज्यादा रुपये कमाने का लालच देकर खाता की जानकारी लेता है और ठगी करते है.
मैसेंजर पर ठगी (cheating on messenger) : साइबर अपराधी पुलिस अधिकारी का फोटो लगा कर फेसबुक मैसेंजर पर रुपये की मांग कर रहे है. साइबर ठग पुलिस अधिकारी का फेसबुक हैक कर उनके दोस्तों को मैसेंजर कर रुपये की मांग करते है. ऐसे में कई लोग दोस्त के नाते रुपये देते है. बाद में उन्हें ठगी के बारे में जानकारी होती है.
ऑन लाइन ट्रेडिंग पर ठगी(fraud in online trading) : साइबर अपराधी ऑन लाइन ठगी के नाम पर भी लोगों को लगातार चूना लगा रहे है. प्रारंभ में ठग रुपये को डबल करने का लालच देते है. इस दौरान दो- तीन बार ठग रुपये को दोगुना कर रुपये देते भी है. जब वह ठग के झांसे में आ जाता है और ज्यादा रुपये ट्रेडिंग में लगाते है तो साइबर ठग रुपये रख कर संपर्क समाप्त कर लेते है.
साइबर ठग से बचने के लिए इन बातों का रखे ध्यान :-
– कभी भी अनचाहे मैसेज , लिंक को ओपन न करें, ओटीपी कभी शेयर न करें
– एसएमएस अलर्ट को ऑन रखें ताकि हर ट्रांजिक्शन का अपडेट मिलता रहे
– डेबिट व क्रेडिट कार्ड के सीवीवी नंबर को मोबाइल पर ट्रांजिक्शन के समय छुपा कर रखें
– ऑनलाइन शॉपिंग में लेन देन की अधिकतम लिमिट को कम रखें.
– बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को लोगों में कॉन्टैक्ट के लिए साझा न करें, बैंकिंग के लिए अलग से नंबर रखें.
– किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपने फोन में कोई ऐप डाउनलोड न करें
– ऑफर, कैश बैक या डिस्काउंट,गिफ्ट,पुरस्कार आदि के लिए कूपन कोड या अन्य लालच में न फंसें
– गूगल पर कस्टमर केयर सर्च करने की बजाय आधिकारिक वेबसाइट से नंबर लें
– ऑनलाइन ठगी और बैंकिंग संबंधित फ्रॉड होने पर जल्द से जल्द इसकी शिकायतें करें
– हर एक या दो हफ्ते में अपने शॉपिंग अकाउंट का पासवर्ड बदलें.
1930 पर call कर करे शिकायत :
भारत सरकार के गृह मंत्रालय (Ministry of Home) की ओर से शिकायत दर्ज करवाने के लिए 1930 Troll Free Cyber ​​Helpline Number जारी किया है. जारी किए गए इस टोल फ्री नंबर पर अब 24 घंटे में शिकायत दर्ज करवा सकते है. इसके अलावे पीड़ित स्थानीय थाना या साइबर थाना में जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है.

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