देवघर : इस साल 24 एवं 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जायेगा. अब 12 दिन शेष बचे हैं. बाबा मंदिर की होली परंपरा के अनुसार होगी. 24 मार्च रविवार को हरि यानी भगवान विष्णु तथा हर यानी महादेव का मिलन कराकर बाबा नगरी में बाबा भोलेनाथ का स्थापना दिवस मनाया जायेगा. मान्यता है कि इस दिन फाल्गुन मास पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के द्वारा महादेव की शिवलिंग को जमीन पर रख शिवलिंग की स्थापना की गयी थी. इस दिन मंदिर प्रबंधन की ओर से हरिहर मिलन का बाबा भोलेनाथ का स्थापना दिवस मनाया जाएगा. बाबा मंदिर के इस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित की मानें तो रात साढ़े दस बजे से लेकर देर रात 12 बजे तक हरिहर मिलन का शुभ मुहूर्त है, लेकिन बाबा मंदिर में शृंगार पूजा एवं अन्य पूजा को देखकर ही सही समय तय किया जायेगा. माना जा रहा है कि इस बार रात के करीब साढ़े दस बजे बड़ा बाजार स्थित दोल मंच पर होलिका की पूजा के बाद होलिका का दहन किया जायेगा. उसके बाद हरि जी को पालकी पर बिठा कर मंदिर के भंडारियों द्वारा बड़ा बाजार होते हुए पूर द्वारा से मंदिर लाकर रात के करीब पौने ग्यारह बजे हरि का हर से मिलन कराया जायेगा. इस प्रेम के मिलन को देखने के लिए भारी संख्या में लोग गर्भ गृह में मौजूद रहेंगे.
रविवार को शाम चार बजे खुलेगा पट, हरिहर मिलन के बाद होगी शृंगार पूजा
परंपरा के अनुसार 24 मार्च रविवार को शाम चार बजे बाबा मंदिर का पट खुलेगा. सरदार पंडा सबसे पहले बाबा पर गुलाल अर्पित कर देवनगरी की होली को प्रारंभ करेंगे. उसके बाद रात करीब पौने ग्यारह बजे हरिहर मिलन होने के बाद बाबा की शृंगार पूजा कर मंदिर का पट बंद किया जायेगा.
पालकी पर सवार होकर निकलेंगे भगवान कृष्ण, लगेगा भोग
बाबा मंदिर के भीतरखंड स्थित राधाकृष्ण मंदिर से भगवान कृष्ण की प्रतिमा को पुजारी द्वारा निकाला जायेगा. उसके बाद भगवान को बाबा मंदिर परिसर में पालकी पर बिठाकर ढाेल नगाढ़े की थाप पर शोभा यात्रा निकाली जायेगी. पश्चिम द्वार से पालकी के साथ शोभा यात्रा निकलने के बाद मंदिर के सभी गेट पर लाकर भगवान को भोग लगाने की परंपरा होगी. इसके साथ ही यह यात्रा दोल मंच के लिए प्रस्थान करेगी. इस बीच रास्ते में पड़ने वाले सभी चौक-चौराहों पर राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी सह उपचारक भक्तिनाथ फलहारी की अगुवाई में मालपुआ का भोग लगाया जायेगा.
दोल मंच पर होलिका दहन तक झूले पर झूलते रहेंगे भगवान
परंपरा के अनुसार आजाद चौक स्थित दोल मंच पर भगवान कृष्ण को होलिका पूजा एवं दहन तक भंडारियों द्वारा झूला झुलाया जाएगा. इस दौरान नगरवासी दोल मंच पर जाकर भगवान को गुलाल अर्पित करेंगे. यहां होलिका की विधिवत पूजा मंदिर की ओर से पुजारी दुर्गा प्रसाद करेंगे.