रमजान. दूसरे जुमे में रोजेदारों ने की नमाज अदा, मांगी सलामती की दुआ

मधुपुर: रमजान के दूसरे जुमे पर शहर समेत ग्रामीण क्षेत्र के मसजिदों मुसलिम धर्मावलंबियों ने नमाज अदा किया. थाना रोड स्थित बड़ी मसजिद, नबी बक्श रोड मसजिद, बेलपाडा मसजिद, खलासी मोहल्ला मसजिद, मदीना मसजिद, हाजी गली मसजिद, पनाहकोला मसजिद, कमरमंजिल मसजिद, फतेहपुर मसजिद, पटवाबाद मसजिद, जगदीशपुर मसजिद आदि मसजिदों में नमाज पढ़ने के लिए रोजेदारों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2017 7:52 AM
मधुपुर: रमजान के दूसरे जुमे पर शहर समेत ग्रामीण क्षेत्र के मसजिदों मुसलिम धर्मावलंबियों ने नमाज अदा किया. थाना रोड स्थित बड़ी मसजिद, नबी बक्श रोड मसजिद, बेलपाडा मसजिद, खलासी मोहल्ला मसजिद, मदीना मसजिद, हाजी गली मसजिद, पनाहकोला मसजिद, कमरमंजिल मसजिद, फतेहपुर मसजिद, पटवाबाद मसजिद, जगदीशपुर मसजिद आदि मसजिदों में नमाज पढ़ने के लिए रोजेदारों की भारी भीड़ उमड़ी.
मौलाना मुस्लिम अख्तर शिवानी ने बताया कि रमजान पाक और खास अहमियत रखने वालों का महीना रोजा रखने व इबादत करने वालों के लिए अल्लाह ताला जन्नत का दरवाजा खोल देते हैं. यह इस्लामिक साल का सबसे अव्वल दर्जा का यह महीना माना जाता है. इस इस दिन खुदा सबकी गुनाहों को भी माफ कर देते हैं.
जकात व फितरा है वाजिब
मौलाना मुस्लिम अख्तर शिवानी ने बताया कि अल्लाह ताला ने अपने बंदों पर रोजा रखना, पांच वक्त नमाज पढ़ना, फर्ज करार दिया है. जबकि हैसियत वाले लोगों पर जकात व फितरा वाजिब करार दिया गया है. उन्होंने बताया कि जिस्म का सदका फितरा और दौलत का जकात निकाला जाना जरूरी है. इसके लिए गरीब व जरूरतमंद के बीच फितरा व जकात दिया जाता है.
तराबिह की नमाज नबी की सुन्नत
मौलाना शिवानी ने बताया कि इस महीने में तराबिह की नमाज पढना नबी-ए-करीम की सुन्नत है. आसपास के मसजिदों में नमाज-ए-इशा के बाद 20 रिकआत तराबिह की नमाज हाफीज-ए-कुरान पढातें हैं. तराबिह में कुरान की तिलावत की जाती है. हर मसजिद में कुरान के 30 पारा पढ़ी जाती है. रमजानुल मोबारक का महीना पूरी माह इबादत करने का महीना माना जाता है. माह-ए-रमजान में नन्हें रोजेदारों के लिए खुदा-ए-पाक जन्नत का दरवाजा खोल देते हैं.

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