घोरमारा में भी साइबर ठगों की दो वर्ष में बदल गयी जिंदगी
कार्रवाई में शिथिलता का फायदा उठा रहे साइबर ठग देवघर : मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा, खरगडीहा, लतासारे, बांझी, बांक बढ़ही टोला समेत बंदरबोना गांवों में साइबर क्राइम की दुनिया कदम रखने वाले युवाओं की जिंदगी महज दो वर्ष में बदल गयी है. साइबर ठग किसी बड़े उद्योगपति के तर्ज पर लग्जरी जिंदगी जीते हैं. […]
कार्रवाई में शिथिलता का फायदा उठा रहे साइबर ठग
देवघर : मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा, खरगडीहा, लतासारे, बांझी, बांक बढ़ही टोला समेत बंदरबोना गांवों में साइबर क्राइम की दुनिया कदम रखने वाले युवाओं की जिंदगी महज दो वर्ष में बदल गयी है. साइबर ठग किसी बड़े उद्योगपति के तर्ज पर लग्जरी जिंदगी जीते हैं. खरगडीहा में कल तक मजदूरी कर रोजी-रोटी चलाने वाला युवक साइबर क्राइम की दुनिया में आने के बाद आज आलीशान मकान बना रहा है. बांझी-लतासारे रोड में भी साइबर ठग द्वारा लाखों का मकान चंद महिने में ही तैयार कर लिया गया. घोरमारा बाजार के साइबर ठग ने तो देवघर में जमीन खरीदकर मकान बना रहा है.
हजारीबाग पुलिस के हत्थे चढ़ चुके साइबर ठग जेल निकलते ही लग्जरी कार तक खरीदी. इसके अलावा भी माेरने समेत घोरमारा के कई साइबर ठगों ने कार व नये-नये मॉडल की बाइक भी खरीदी है. पिछले दिनों साइबर ठगी के मामले में राजस्थान पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक चौकीदार के पुत्र के कमरे में फर्नीचर व टाइल्स की सुविधा देखकर आश्चर्यचकित हो गयी थी. छत्तीसगढ़ पुलिस ने घोरमारा व आसपास के गांव के साथ साइबर ठगों की सूची मोहनपुर पुलिस को चिह्नित करने के लिए सौंपी है. लेकिन स्थानीय पुलिस साइबर ठगों पर कार्रवाई व ऐसे लोगों को चिह्नित करने में गंभीरता नहीं दिखा रही है. साइबर ठगी के मामले में अबतक घोरमारा से ही छह से अधिक आरोपितों की गिरफ्तारी कर चुकी है. बावजूद साइबर क्राइम नियंत्रण में गंभीर नहीं दिख रही .