देवघर. रिखियापीठ में योग पूर्णिमा उत्सव के रूप में परमहंस स्वामी सत्यानंदजी की 101वीं जयंती रविवार को धूमधाम से मनायी गयी. रिखियापीठ के साथ-साथ 52 देशों में स्वामी सत्यानंदजी की जयंती उनके शिष्यों द्वारा मनायी गयी. जयंती पर रिखियापीठ में आयोजित पांच दिवसीय महामृत्युंजय होम की पूर्णाहुति बसोधारा से की गयी. पूरे आश्रम सहित समाधि स्थल को फूलों से सजाया गया. स्वामी सत्संगीजी ने अपने गुरु स्वामी सत्यानंद का पुष्पाभिषेक किया व केके काटा. स्वामी सत्संगी जी ने कहा कि योगीराज स्वामी सत्यानंद जी का पूरा जीवन त्याग, समर्पण व सेवा का रहा है. स्वामी सत्यानंद जी का उद्देश्य सबके जीवन में खुशहाली व समृद्धि की रही है, यही वजह है कि उन्होंने सेवा, प्रेम व दान का संदेश रिखियापीठ से पूरी दुनिया में दिया. सेवा, प्रेम व दान से सबके जीवन में समृद्धि आयेगी. इस संदेश को दूर-दूर तक फैलाना है. अनुष्ठान के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने महासमाधि का दर्शन भी किया. हाइलाइट्स सेवा, प्रेम व दान से सबके जीवन में आयेगी समृद्धि : स्वामी सत्संगीजी
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है