जीएसटी से कुटीर उद्योग को पहुंचेगा नुकसान

प्रभात चर्चा . सेल टैक्स अधिवक्ता विजय कौशिक ने कहा देवघर : देश भर में जीएसटी लागू हो चुका है. जीएसटी के बारे में अभी कई व्यपारियों व ग्राहकों को पूरी जानकारी नहीं है. जीएसटी पर विस्तृत चर्चा के लिए शनिवार को प्रभात खबर कार्यालय में सेल टैक्स के अधिवक्ता विजय कौशिक अतिथि के रूप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2017 5:21 AM

प्रभात चर्चा . सेल टैक्स अधिवक्ता विजय कौशिक ने कहा

देवघर : देश भर में जीएसटी लागू हो चुका है. जीएसटी के बारे में अभी कई व्यपारियों व ग्राहकों को पूरी जानकारी नहीं है. जीएसटी पर विस्तृत चर्चा के लिए शनिवार को प्रभात खबर कार्यालय में सेल टैक्स के अधिवक्ता विजय कौशिक अतिथि के रूप में उपस्थित हुए. श्री कौशिक ने व्यापारियों व उद्योग में जीएसटी से होने वाले फायदे व नुकसान के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि जीएसटी में कोई वस्तु जहां खपत होगी, उस राज्य को जीएसटी से फायदा होगा. यह पूरी तरह पेन आधारित पॉलिसी है. जीएसटी में बिल जो इश्यू करेंगे, उसे ऑनलाइन करना अनिवार्य है. बेची हुई सामग्री का ब्योरा ऑनलाइन करना होगा.
इसके साथ ही जो सर्विस देते हैं, उसका बिल ऑफ सप्लाइ का ब्योरा भी ऑनलाइन करना है. श्री कौशिक ने कहा कि जीएसटी के कारण मार्केट ग्लोबलाइज्ड हो गया है. अगर कोई उद्योगपति विदेश से कोई माल लाते हैं तो उसमें कस्टम ड्युटी के रुप में किये गये भुगतान का लाभ इनपुट क्रेडिट के रुप में मिलेगा, लेकिन देश में उत्पादन करने वाले कुटीर उद्योग को नुकसान पहुंचेगा. कुटीर उद्योग के प्रोडक्ट का डिमांड घटेगा. जीएसटी में कोई प्रोत्साहन नीति नहीं है. पूर्व में राज्यों में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति रहती थी.
वैट में निबंधित व्यापारी को मिलेगा लाभ
श्री कौशिक ने बताया कि वैट में जो व्यापारी पहले से निबंधित है और उन्होंने अपनी टैक्स की विवरणी ऑनलाइन की हुई है तो वैसे व्यापारी को इनपुट क्रेडिट का लाभ मिलेगा. जिन व्यापारी का 30 जून को इनपुट टैक्स क्रेडिट दिख रहा है, उन्हें पूरा का पूरा इनपुट टैक्स का लाभ मिलेगा. श्री कौशिक ने बताया कि जीएसटी में निबंधन प्रक्रिया आसान हो गयी है. इसमें कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है. जीएसटी में ऑनलाइन फॉर्म भरना है, अगर कागजात में कोई त्रुटी है तो संबंधित पदाधिकारी ऑनलाइन सुधार करने का निर्देश देंगे. तीन दिन के अंदर त्रुटी में कोई आपत्ति नहीं हुई तो निबंधन ग्रांट हो जायेगा. अगर त्रुटी में सुधार कर दिया गया तो छह दिनों के अंदर निबंधन हो जायेगा.
पहला रिटर्न पांच से दस सितंबर तक जमा करें
श्री कौशिक ने बताया कि जीएसटी में जुलाई माह का पहला रिटर्न पांच से दस सितंबर तक जमा करने का समय निर्धारित किया गया है. ऑनलाइन रिटर्न फाइल करना है. इनपुट व आउटपुट का पूरा ब्योरा देना है. जीएसटी में व्यापारी को पूरी तरह कंप्यूटर पर निर्भर रहना पड़ेगा. सेल टैक्स अधिवक्ता व चाटर्ड एकाउंटेन्ट की मदद की जरूरत व्यापारियों को पड़ेगी.

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