लापरवाही: बाबा मंदिर के आसपास की गलियों में खतरनाक ढंग से झूल रहे बिजली के तार, विभाग मौन, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

देवघर: देवघर के बाबा मंदिर के चारों ओर घनी आबादी बसी है. पुराने मकान और संकरी गलियां इस इलाके की पहचान है. गलियों की चौड़ाई दो से 10 फीट तक है. अधिकतर पंडा-पुरोहित इन्ही गलियों में रहते हैं. यहां आने वाल‍े बहुत से श्रद्धालु मंदिर के आस-पास बसे पुरोहितों-पंडों के आवास पर ठहरते हैं. श्रावणी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2017 6:52 AM
देवघर: देवघर के बाबा मंदिर के चारों ओर घनी आबादी बसी है. पुराने मकान और संकरी गलियां इस इलाके की पहचान है. गलियों की चौड़ाई दो से 10 फीट तक है. अधिकतर पंडा-पुरोहित इन्ही गलियों में रहते हैं. यहां आने वाल‍े बहुत से श्रद्धालु मंदिर के आस-पास बसे पुरोहितों-पंडों के आवास पर ठहरते हैं.

श्रावणी मेले के दौरान इन गलियों में चौबीस घंटे लोगों की बड़ी भीड़ उमड़ती है. लेकिन इन गलियों-मुहल्लों में बुनियादी सुविधाओं का विकास नहीं हुआ है. बिजली के खंभों पर खतरनाक ढंग से तार झूलते रहते हैं. कभी आग लगे तो दमकल की गाड़ियां अधिकतर गलियों में पहुंच नहीं सकतीं. पीने के लिये पानी व शौचालयों की बेहतर व्यवस्था नहीं है. सडकें टूटी-फूटी रहती हैं. सफाई की भी बेहतर व्यवस्था नहीं रहती है. हर साल श्रावणी मेले के समय प्रशासन की नींद खुलती है.

अस्थायी तौर पर पेयजल व शौचालय की व्यवस्था की जाती है. नगर निगम के सफाई कर्मी 24 घंटे पालियों में काम करते हैं. इस अस्थायी व्यवस्था पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिये जाते हैं. जैसे ही मेला खत्म होता है स्थिति जस की तस हो जाती है. स्थायी सुविधा विकसित करने में प्रशासन सफल नहीं रहा है.
कई गलियों की हालत है खराब
बाबा मंदिर के आसपास की गलियों की हालत खराब है. शिवगंगा गली सीधे बाबा मंदिर के मुख्य सिंह द्वार तक जाती है. यह पूरी सड़क टूटी-फूटी है. श्रावणी मेले की अवधि को छोड़ दें तो पानी सप्लाई की व्यवस्था भी ठीक नहीं है. दो-तीन दिनों में एक बार पानी सप्लाई होती है. वहीं बिजली के तार भी पोल पर लटकते दिख रहे हैं. इसके अालावा गोविंद खवाड़े लेन, आशुतोष भगत लेन, चक्रवर्ती लेन, बैद्यनाथ लेन, खुशी दत्त द्वारी लेन, सरदार पंडा लेन,चंद्रशेखर ओझा पथ आदि आधे दर्जन गलियों में भी व्यवस्था ठीक नहीं है. इन सभी गलियों में बिजली व पानी की बड़ी समस्या है.
बाबा मंदिर को अंडरग्राउंड केबलिंग से जोड़ दिया गया है. मंदिर व आसपास के इलाके में अंडरग्राउंड केबिलंग का काम जल्द शुरू होगा. इसके बाद गलियों में अोवरहेड वायर हट जायेंगे अौर तारों का जंजाल हट जायेगा. साथ ही हैवी पावर ट्रांसफार्मर लगने से वोल्टेज की स्थिति अच्छी होगी.
– गोपाल प्रसाद, इई, विद्युत प्रमंडल, देवघर
कहते हैं स्थानीय निवासी
मुहल्ले में सड़क, बिजली, पानी व प्रकाश की सबसे बड़ी समस्या है. प्रशासन इन सभी मामलों पर ध्यान नहीं देता. जबकि यही गली मंदिर के मुख्य द्वार सिंह द्वार तक जाती है.
– शशि शंकर सरेवार, शिवगंगा गली
बिजली 12 घंटे ही मिलती है. मेले के दौरान भी बिजली की स्थिति अच्छी नहीं रही. लोड शेडिंग मेेले भर जारी रही. सावन में पानी सप्लाई ठीक रही लेकिन भादो आते ही तीन दिनों में एक बार पानी मिल रहा है.
– ठाकुर बाबा, शिवगंगा गली
बिल तो नियमित देते हैं लेकिन बिजली पूरी नहीं मिलती. इसकी वजह से पानी के लिये भी मशक्कत करनी पड़ती है. हर रोज सुबह तैयारी करनी होती है.
– भवो तारा देवी
आशुतोष भगत लेन
मुहल्ले में थोड़ी सफाई को छोड़ कर कोई व्यवस्था ठीक नहीं है. बिजली व पानी आज की तारीख में बड़ी समस्या है. हम लोग सालों से अहले सुबह बाबा मंदिर कांचा जल में जाते हैं. स्नान के लिये एक दिन पूर्व रात में पानी और टॉर्च की व्यवस्था दुरुस्त करके ही सोते हैं.
– रानी देवी

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