झारखंड के ललमटिया में मिट्टी धंसते ही चालक समेत खदान में समा गया डंपर, फिर…

बोआरी : जोरललमटिया ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) की खदान में फिर 30 दिसंबर की घटना याद आयी. बुधवार को भी एक डंपर 40 फीट गहरे कोयला खदान में गिर गया. हालांकि, इसमें चालक की जान बच गयी. घटना बुधवार तड़के 4:30 बजे की है. खबर है कि घटना के तुरंत बाद चालक को आनन-फानन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2017 11:54 PM

बोआरी : जोरललमटिया ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (इसीएल) की खदान में फिर 30 दिसंबर की घटना याद आयी. बुधवार को भी एक डंपर 40 फीट गहरे कोयला खदान में गिर गया. हालांकि, इसमें चालक की जान बच गयी. घटना बुधवार तड़के 4:30 बजे की है.

खबर है कि घटना के तुरंत बाद चालक को आनन-फानन में खदान से घायल अवस्था में निकाला गया. उसे इलाज के लिए कंपनी के कर्मी ने इसीएल अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने जांच के बाद चालक की स्थिति खतरे से बाहर बताया. हालांकि, अस्पताल के रजिस्टर में घायल चालक की इंट्री नहीं की गयी है.

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रजिस्टर में इंट्री नहीं होने की वजह से यह पता नहीं चल पाया है कि चालक कौन था? कहां का रहनेवाला था? घटना के बाद कुछ देर बाद तक खदान में काम बंद रहा. सुबह-सुबह बड़े क्रेन से डंपर को निकाल लिया गया.

बताया जाता है कि खदान में जमा किये गये मिट्टी धंसने के बाद ही डंपर 40 फीट नीचे गिर गया. जैसे ही डंपर नीचे गिरा, आसपास वाहन चला रहे लोगों ने देख लिया. फलस्वरूप जल्दी से चालक को वाहन से बाहर निकाला गया. कंपनी के संचालकों को इसकी सूचना दी गयी.

30 दिसंबर को हुई थी ऐसी ही घटना

30 दिसंबर, 2016 को भी इसीएल परियोजना के माइंस में ऐसी ही घटना हुई थी. कुल 23 लोगों की जान चली गयी थी. उस समय भी हादसे का कारण मिट्टी धंसना था. इसमें 18 लोगों का शव खदान से बाहर निकाला गया था, जबकि पांच शव का अब तक पता नहीं चल पाया. आठवें महीने के आखिरी दिन फिर वैसी ही घटना से खदान में काम करनेवाले मजदूरों में दहशत है.

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