धड़ल्ले से ट्रेनों में हो रही अवैध कोयला की ढुलाई

जसीडीह: रेल प्रशासन एक ओर ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती है. वहीं दूसरी ओर पटना-हावड़ा मेन लाइन व आसनसोल डिवीजन के स्टेशनों होकर चलने वाली कई ट्रेनों में यात्रियों को अवैध कोयला की ढुलाइ से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आसनसोल डिवीजन के सीतारामपुर,अंडाल, रूपनारायणपुर, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2014 9:50 AM

जसीडीह: रेल प्रशासन एक ओर ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती है. वहीं दूसरी ओर पटना-हावड़ा मेन लाइन व आसनसोल डिवीजन के स्टेशनों होकर चलने वाली कई ट्रेनों में यात्रियों को अवैध कोयला की ढुलाइ से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

आसनसोल डिवीजन के सीतारामपुर,अंडाल, रूपनारायणपुर, सलानपुर, चित्तरंजन, मधुपुर, गिरीडीह आदि स्टेशनों सहित धनबाद, कुमारडूबी, गोमो आदि स्टेशनों पर अवैध कोयला के माफिया सक्रिय है.

ये माफिया स्टेशनों के जीआरपी और आरपीएफ एवं रेल कर्मियों से सांठ-गांठ कर आसनसोल झाझा इएमयू,अंडाल जसीडीह डीएमयू, रांची हटिया पटना पाटलीपुत्र एक्सप्रेस, रांची भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस, मौर्या एक्सप्रेस आदि ट्रेनों में धड़ल्ले से अवैध कोयला लोड कर झारखंड, बंगाल के रास्ते बिहार ले जाता है. इतना ही रास्ते में पड़ने वाला स्टेशनों में रेल पुलिस व इनके ठेकेदारों को प्रत्येक बोरा पर पूर्व से तय राशि को देकर अवैध कोयला को ट्रेन के डब्बा में शौचालय आदि में लोड कर ले जाता है.

ट्रेनों के बोगी, शौचालय, गेट पर लोड कोयला बोरा के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अगर कोई यात्री विरोध कर स्टेशन पर तैनात पुलिस से शिकायत करते हैं तो उक्त पुलिस कर्मी अनसुनी कर चल देते हैं. ऐसे में यात्रियों को अवैध कोयला माफियाओं के कोपभाजन का भी शिकार बनना पड़ता है. इतना ही नहीं अवैध कोयला की ढुलाई से रेल प्रशासन को भी प्रति दिन हजारों रुपये की राजस्व की क्षति भी हो रही है. इसके बाद भी न तो रेल प्रशासन ट्रेनों में अवैध कोयला ढुलाइ पर शिकंजा कसने के लिए कारगर कदम उठा कर स्टेशनों के जीआरपी,आरप्ीएफ एवं रेल कर्मियों को दिशा-निर्देश दे रही है. बाध्य होकर यात्रियों को परेशानी के बीच ट्रेनों में यात्रा करना पड़ रहा है

Next Article

Exit mobile version