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परेशानी: पुनासी डैम के बनने व अलग फीडर होने पर ही मिलेगी राहत, शहरवासी अभी झेलेंगे जल संकट

देवघर: जब तक पुनासी डैम चालू नहीं हो जाता है, देवघर की जनता को पानी की समस्या से जूझना होगा. नगर निगम के पास पानी की समस्या के निराकरण के लिए तत्काल फीडर ही एक मात्र विकल्प है. इससे नियमित पानी दिया जा सकता है. यह भी स्थायी विकल्प नहीं है. नदियों का जल स्तर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2017 10:07 AM
देवघर: जब तक पुनासी डैम चालू नहीं हो जाता है, देवघर की जनता को पानी की समस्या से जूझना होगा. नगर निगम के पास पानी की समस्या के निराकरण के लिए तत्काल फीडर ही एक मात्र विकल्प है. इससे नियमित पानी दिया जा सकता है. यह भी स्थायी विकल्प नहीं है. नदियों का जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है.

इसमें पांच से छह महीने तक ही पानी ठहरता है. इसके बाद नदी को जेसीबी से 10 से 15 फीट तक गहरा करना पड़ता है. गर्मी के दस्तक देते ही नदी में पानी काफी नीचे चला जाता है. इसके बाद पानी निकालना बालू से तेल निकालने जैसा हो जाता है. देवघर में पानी की समस्या दूर होने का एक मात्र रास्ता पुनासी डैम है. वह काम चालू हो चुका है. इसके बन कर तैयार होने से ही पानी की समस्या दूर होगी. वैसे चानन नदी से भी पानी लाने का प्रस्ताव दिया गया है.

कहती हैं डिप्टी मेयर
निगम की डिप्टी मेयर नीतू देवी ने कहा कि पानी की समस्या हर हालत में दूर की जायेगी. इसके लिए पुनासी डैम के अलावा चानन नदी से भी पाइप लाइन के माध्यम से पानी लाने का विचार किया जा रहा है. फिलहाल डढ़वा नदी, पतारडीह सहित सभी नदियों में पर्याप्त पानी है.
वार्ड पार्षद ने कहा
वार्ड 19 के पार्षद गुलाब मिश्र ने कहा कि नगर निगम के पास पानी के लिए कोई योजना व सोच नहीं है. इस बार देवघर में सर्वाधिक बारिश हुई है. सब पानी बह कर दूर निकल गया. नंदन पहाड़ तालाब में भी पानी स्टोर नहीं किया गया. इस तालाब से केवल पानी की निकासी हो रही है.
कहते हैं नगर निगम के सीइओ
सीइओ संजय कुमार सिंह ने कहा कि बिजली के कारण वाटर सप्लाइ में कुछ दिक्कत हो रही है. पानी को डोमासी मुहल्ले की पानी टंकी में पानी डंप करना पड़ता है. उसके बाद संबंधित एरिया में भेजना पड़ता है. बिजली विभाग से अलग फीडर लगाने की मांग की है. फीडर लगते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी.
कहते हैं लोग
मुहल्ले में दो-तीन दिनों तक लगातार पानी नहीं आता है. भरियावाला से पानी लेना पड़ता है. इससे अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है.
– चंद्रमणि मिश्र, पं बीएन झा पथ
मुहल्ले में पुराने मॉडल का चापानल है. इसी से काम चलाते हैं. सप्लाइ वाटर पर भरोसा रखना छोड़ चुके हैं. यह सिरदर्द बन गया है.
– मुरारी द्वारी, बिलासी पं यतींद्र नाथ द्वारी पथ
मुहल्ले में सप्लाइ वाटर की कोई व्यवस्था नहीं है. पीने के लिए दो किलोमीटर दूर बमबम बाबा पथ हंसकूप से पानी लाते हैं.
– उदय परिहस्त, हरिहरबाड़ी
सप्लाइ वाटर नियमित रूप से नहीं आता है. यह एक दिन छोड़ कर दूसरे दिन आता है. जार का पानी खरीदते हैं. इससे काम चलाते हैं.
– महावीर शर्मा, कानू टोला

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