स्वास्थ्य सुविधा को लेकर लंबी लड़ाई रंग लायी, संताल में होंगे कई अस्पताल

देवघर: सरकार के 1000 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को दुमका में आयोजित समारोह में गृहमंत्री राजनाथ ने हंसडीहा में 300 बेड के अस्पताल का शिलान्यास किया. इसके साथ ही कभी स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछड़ा संताल परगना चिकित्सा सुविधा के मामले में अग्रणी इलाकों में आ गया. अब यहां जल्द ही एम्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2017 9:31 AM
देवघर: सरकार के 1000 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को दुमका में आयोजित समारोह में गृहमंत्री राजनाथ ने हंसडीहा में 300 बेड के अस्पताल का शिलान्यास किया. इसके साथ ही कभी स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछड़ा संताल परगना चिकित्सा सुविधा के मामले में अग्रणी इलाकों में आ गया. अब यहां जल्द ही एम्स सहित कई बड़े अस्पताल व मेडिकल कॉलेज होंगे. कई पर काम शुरू भी हो गया.

अब इस क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इलाज के अभाव में अब किसी की मौत नहीं होगी. बता दें कि यह इतना आसान नहीं था, पर इस जनसरोकार के महत्वपूर्ण मुद्दे पर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लंबी लड़ाई लड़ी. 2010 से लगातार इस मुद्दे पर संघर्ष किया और आखिरकार 2017 में उनकी यह लड़ाई रंग लायी.

संताल को अब कई अस्पताल की सौगात मिली है. हंसडीहा के जिस अस्पताल की शुक्रवार को दुमका की धरती से राजनाथ सिंह ने शिलान्यास किया उसकी स्थापना के लिए गोड्डा सांसद ने अपने ही सरकार के खिलाफ आमरण-अनशन तक किया था. सात साल की लंबी लड़ाई के बाद आज जो परिदृश्य संताल का बना है, उससे गोड्डा लोकसभा क्षेत्र की जनता को आधे घंटे के सफर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी. वहीं संताल के लोगों को घंटे भर में एम्स से लेकर इएसआइ अस्पताल और मेडिकल कॉलेज तक की सेवा मिल सकेगी. यह सबकुछ सांसद की कोशिश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के विजन के कारण संभव हो पाया है.

सांसद ने किया था आमरण-अनशन : 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने हंसडीहा में अस्पताल देने की बात कही थी, पर कुछ दबाव में यह अस्पताल दुमका शिफ्ट हो रहा था. इस पर सांसद निशिकांत दुबे अपने ही सरकार के खिलाफ 2011 में वीर कुंवर सिंह चौक, देवघर पर आमरण अनशन पर बैठ गये थे. इसी प्रकार वर्ष 2012 में कोल इंडिया की ओर से सीएसआर के तहत गोड्डा के महगामा में बनने वाले 300 बेड के अस्पताल को भी ललमटिया ले जाने की तैयारी थी, लेकिन सांसद अड़े रहे. अंतत: 2015 में इस अस्पताल के लिए इसीएल को जमीन ट्रांसफर हुआ और 2017 में यह स्वीकृत हो गया, दूसरी ओर सीएम रघुवर दास ने महगामा में ही 50 बेड के मेडिकल कॉलेज की सहमति दे दी है. देवघर जिले के देवीपुर में एम्स की आधारशिला भी पीएम रखनेवाले हैं. इसकी सारी प्रक्रिया पूरी हो गयी है. देवघर के करौं में भी 100 बेड के इएसआइ हॉस्पीटल की आधारशिला पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी रख चुके हैं. इसके अलावा पथरगामा में 30 बेड के इएसआइ अस्पताल की भी स्वीकृति मिल गयी है.
सरकार का संताल पर है फोकस : निशिकांत
सांसद निशिकांत ने कहा है कि जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार और राज्य में रघुवर सरकार बनी, तब से संताल के विकास पर विशेष फोकस किया गया है. स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अच्छे निर्णय लिये गये हैं. वह 2010 से संताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. इसमें कभी अपनों ने, तो कभी विपक्षियों ने रोड़ा अटकाया था, पर उनकी जिद थी कि संताल, खासतौर से गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचायें. सात साल की लड़ाई के बाद 2017 में यह सपना साकार हो गया है.

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