विडंबना: संसाधनों की कमी का दंश झेल रहे पालोजोरी के स्कूलों के छात्र, नौ शिक्षकों पर 1624 छात्रों का भविष्य

पालोजोरी:एक ओर सरकार बच्चों को प्रारंभिक से लेकर उच्च शिक्षा दिलाने के नाम पर करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं विषयवार शिक्षक नहीं रहने से हाइस्कूल तक की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. प्रखंड क्षेत्र के चार सरकारी उच्च विद्यालयों में संसाधनों की घोर कमी के कारण छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. शिक्षकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2017 10:15 AM
पालोजोरी:एक ओर सरकार बच्चों को प्रारंभिक से लेकर उच्च शिक्षा दिलाने के नाम पर करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं विषयवार शिक्षक नहीं रहने से हाइस्कूल तक की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. प्रखंड क्षेत्र के चार सरकारी उच्च विद्यालयों में संसाधनों की घोर कमी के कारण छात्रों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. शिक्षकों की कमी के कारण जहां छात्रों को विषयवार शिक्षा नहीं मिल रही है, वहीं छात्र किसी तरह स्वाध्याय व ट्यूशन कर मैट्रिक की परीक्षा पास कर रहे हैं.

प्रखंड क्षेत्र में अनारकली उच्च विद्यालय, सरसा उच्च विद्यालय, प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय व प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय सिमला में शिक्षिकों की बड़ी कमी है. हाइस्कूल सरसा व पालोजोरी में दो-दो शिक्षक हैं, वहीं प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में मात्र एक शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर है. इसके अलावा प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय सिमला में मात्र तीन शिक्षक कार्यरत है. इनमें एक मात्र शिक्षक गणित विषय में हैं. ऐसे में सहज की समझा जा सकता है कि छात्रों को किस तरह से शिक्षा मिल रही होगी.


इन चारों उच्च विद्यालयों में कुल 1624 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं. वहीं प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय पालोजोरी में 441 छात्राएं व एक शिक्षक हैं. सरसा उवि में 981 छात्र-छात्राएं व दो शिक्षक हैं. अनारकली उवि 453 छात्र-छात्राएं व दो शिक्षक हैं. सिमला प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय में 268 छात्र-छात्राएं व चार शिक्षक पदस्थापित हैं. सरकार एक तरफ तो शिक्षकों की बहाली नहीं करती, तो दूसरी तरफ रिजल्ट खराब होने पर शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कहती है.
बेंच-डेस्क की भी कमी
इन स्कूलों में अनारकली उवि को छोड़कर बाकी में वर्ग कक्ष की भी कमी है. प्रोजेक्ट कन्या उवि जर्जर भवन में चल रहा है. वहीं सरसा में भी कमरों की कमी है. इसके कारण बरामदे व बाहर पेड़ के नीचे बच्चों को बैठ कर पढ़ाई करनी पड़ती है.
कहते हैं डीइओ
देवघर डीइओ अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिये सरकारी स्तर पर बहाली की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. जल्द ही शिक्षकों की कमी दूर कर दी जायेगी.

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