नेतरहाट से संताल के बच्चों का हो रहा मोहभंग
देवघर : छह दशक पुराने राज्य के प्रतिष्ठित स्कूलों में एक नेतरहाट आवासीय विद्यालय की लोकप्रियता लगातार घट रही है. प्रवेश परीक्षा में शामिल हाेने वाले बच्चों की हर वर्ष घट रही संख्या तो कम से कम यही इशारा कर रही है. संताल परगना के संदर्भ में कहें तो यहां के बच्चों का भी नेतरहाट […]
देवघर : छह दशक पुराने राज्य के प्रतिष्ठित स्कूलों में एक नेतरहाट आवासीय विद्यालय की लोकप्रियता लगातार घट रही है. प्रवेश परीक्षा में शामिल हाेने वाले बच्चों की हर वर्ष घट रही संख्या तो कम से कम यही इशारा कर रही है. संताल परगना के संदर्भ में कहें तो यहां के बच्चों का भी नेतरहाट स्कूल से मोहभंंग हो रहा है. दाखिले के प्रति अभिभावक का रूझान कम होता जा रहा है. आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में संताल परगना के 400 बच्चे नेतरहाट स्कूल की प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे, जबकि इस वर्ष 225 बच्चों को प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रवेश पत्र जारी किया गया था. प्रवेश परीक्षा में कुल 177 बच्चे शामिल हुए.
देवघर के सिर्फ 10 बच्चों ने दी प्रवेश परीक्षा
देवघर जिले में इस बार 10 बच्चे ही नेतरहाट की प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए, पिछले वर्ष प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों की संख्या 40 थी. जानकारों के अनुसार, इस बार नेतरहाट प्रवेश परीक्षा के लिए झारखंड के प्रत्येक जिले में एक-एक परीक्षा केंद्र बनाया गया था. राज्य स्तर पर कुल 1300 विद्यार्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा था, जबकि पिछले वर्ष प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए 2500 विद्यार्थियों ने परीक्षा फॉर्म भरा था. विभाग के अनुसार, नेतरहाट में दाखिले के लिए हर वर्ष प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है, लेकिन हर वर्ष प्रवेश परीक्षा में बच्चों की संख्या में लगातार घटती जा रही है. प्रवेश परीक्षा के प्रति बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों का घटता रूझान विद्यालय में पठन-पाठन व आवासन की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा होने लगा है.
क्या कहते हैं अभिभावक
नेतरहाट में आरक्षण लागू होने के बाद स्टैंडर्ड कम हुआ है. आज के प्रतिस्पर्धा के अनुसार पढ़ाई सुनिश्चित नहीं करायी जा रही है. इस वजह से अभिभावकों का इस विद्यालय के प्रति रुझान कम हुआ है.
– मनोज कुमार, अभिभावक
अपने बेटे को नेतरहाट में दाखिले के लिए पहली प्रवेश परीक्षा दिलाया है. स्कूल के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है. इस वजह से दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल कराया.
– अनिता कुमारी, अभिभावक
क्या कहते हैं परीक्षार्थी :
नेतरहाट में एडमिशन की जानकारी इंटरनेट व अखबार के माध्यम सेे मिली थी. परीक्षा में सवाल भी सिलेबस से पूछे गये थे.
– आदित्य रंजन, परीक्षार्थी
नेतरहाट विद्यालय के बारे में सुने हैं. मेरे पैरेंट्स ने परीक्षा फॉर्म भरवाया था. गाइड से तैयारी कर परीक्षा दी है. सभी सवालों का जवाब ओएमआर सीट में दिये हैं.
– आयुष राज, परीक्षार्थी
क्या कहते हैं पर्यवेक्षक
प्राइवेट स्कूलों के प्रति लोगों का आकर्षण व प्रवेश परीक्षा के संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से समुचित प्रचार-प्रसार नहीं किया जाना प्रवेश परीक्षा में बच्चों के कम शामिल होने का मूल कारण है. नेतरहाट में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के साथ-साथ हर संसाधन उपलब्ध है.
– मुकेश कुमार, पर्यवेक्षक सह शिक्षक, नेतरहाट