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स्कूल लड़कियों का पढ़ाई कर रहे लड़के

देवघर : राजकीयकृत मातृ मंदिर बालिका मध्य विद्यालय 19 दिसंबर 2012 को तड़के करीब तीन बजे ढह गया था. करीब पांच वर्षों से जुगाड़ का भवन मध्य विद्यालय पुराना मीना बाजार कैंपस में विद्यालय का संचालन हो रहा है. पोषक क्षेत्र से विद्यालय की दूरी अधिक होने के कारण लड़कियां विद्यालय आने से कतराती हैं. […]

देवघर : राजकीयकृत मातृ मंदिर बालिका मध्य विद्यालय 19 दिसंबर 2012 को तड़के करीब तीन बजे ढह गया था. करीब पांच वर्षों से जुगाड़ का भवन मध्य विद्यालय पुराना मीना बाजार कैंपस में विद्यालय का संचालन हो रहा है. पोषक क्षेत्र से विद्यालय की दूरी अधिक होने के कारण लड़कियां विद्यालय आने से कतराती हैं.

नतीजा मध्य विद्यालय पुराना मीना बाजार के आसपास के पोषक क्षेत्र के 77 लड़के-लड़कियों का दाखिला यहां हुआ है. इसमें सिर्फ 41 लड़कियां हैं. विद्यालय में औसतन उपस्थिति 30 से 35 छात्रों की होती है. जबकि सात पदस्थापित एवं एक प्रतिनियुक्त शिक्षक कार्यरत हैं. यहां के बच्चों को मध्याह्न भोजन मिलता है. लेकिन, छात्रवृत्ति के लाभ से दर्जनों छात्र-छात्राएं वंचित हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार वर्ष 2013 में मध्य विद्यालय पुराना मीना बाजार कैंपस में विद्यालय संचालन के लिए शिफ्ट किया गया था. तब से लेकर अबतक विद्यालय का संचालन जुगाड़ के कमरे में ही हाे रहा है.

विद्यालय में बच्चे से ज्यादा शिक्षक हैं
विद्यालय में छात्रों 77 छात्र-छात्राओं का दाखिला है. औसत उपस्थित करीब 40 से 50 फीसदी होने के बाद भी यहां जरूरत से ज्यादा शिक्षकों का पदस्थापन कर दिया गया है. छात्रों के दाखिले एवं औसत उपस्थित कम होने की जानकारी होने के बाद भी विभाग द्वारा शिक्षकों का पदस्थापन कई गंभीर सवाल खड़ा करता है.
लड़कियों के स्कूल में लड़के का एडमिशन किस आधार पर
बालिका शिक्षा को दुरुस्त करने की नीयत से राजकीयकृत मातृ मंदिर बालिका मध्य विद्यालय की स्थापना की गयी थी. इसके पीछे का मूल कारण सुरक्षित तरीके से बेरोक-टोक लड़कियां पढ़ाई करके अपना भविष्य संवार सकें. लेकिन, यहां लड़कों का दाखिला किसकी अनुमति से हुआ. इस पर कोई खुल कर बोलने को तैयार नहीं हैं.
‘पढ़ाई के लिए लड़कियां यहां दाखिला नहीं लेने आती हैं. इसी वजह से लड़कों का दाखिला लेकर पढ़ाई करायी जा रही है. वर्तमान में विद्यालय में 77 छात्र-छात्राओं का एडमिशन है. विद्यालय में आठ शिक्षक कार्यरत हैं. इसमें एक शिक्षक प्रतिनियोजित हैं.’
– सुषमा कुमारी, राजकीयकृत मातृ मंदिर बालिका मध्य विद्यालय देवघर.
‘लड़कियों के स्कूल में लड़कों के दाखिले का प्रावधान नहीं है. अगर विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा कोई प्रस्ताव आता है तो डीएसइ के अनुमोदन के बाद ही दाखिला संभव है. आवश्यकता से अधिक शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में लगाया जायेगा.’
– अशोक कुमार शर्मा, डीइओ देवघर.

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