ऑनलाइन जमीन के ब्योरा में खामियां, 1054 म्यूटेशन लंबित

प्लॉट नंबर, रकवा व जमाबंदी नंबर में त्रुटियां सुधार के लिए अंचलों में आवेदन लंबित देवघर : जमीन का लगान रसीद व म्यूटेशन ऑफ लाइन सेवाएं पूरी तरह बंद हो जाने के बाद लोग अब ऑनलाइन सेवा पर निर्भर हो गये हैं. वहीं इन दिनों ऑनलाइन सेवा अव्यवस्थित हो जाने से जिले में म्यूटेशन अटका […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2017 5:13 AM

प्लॉट नंबर, रकवा व जमाबंदी नंबर में त्रुटियां

सुधार के लिए अंचलों में आवेदन लंबित
देवघर : जमीन का लगान रसीद व म्यूटेशन ऑफ लाइन सेवाएं पूरी तरह बंद हो जाने के बाद लोग अब ऑनलाइन सेवा पर निर्भर हो गये हैं. वहीं इन दिनों ऑनलाइन सेवा अव्यवस्थित हो जाने से जिले में म्यूटेशन अटका है. अक्तूबर माह में जमीन का ऑनलाइन म्यूटेशन निष्पादन के आंकड़ों के अनुसार जिले भर में 1265 म्यूटेशन के आवेदन पड़े थे, जिसमें महज 211 म्यूटेशन किया गया है. शेष 1054 म्यूटेशन का आवेदन लंबित है.
म्यूटेशन के कई आवेदन मई व जून से लंबित हैं. दरअसल, जमीन का ऑनलाइन म्यूटेशन व लगान जमा करने की सेवा जनवरी 2017 में शुरू की गयी थी, इस दौरान जमीन का अभिलेख, खतियान व पंजी-टू को आनन-फानन में ऑनलाइन कर ऑफलाइन सेवा बंद कर दी गयी, लेकिन इस जल्दबाजी में कई मौजा के रैयतों की जमीन का रकवा, खाता नंबर, प्लॉट नंबर व जमाबंदी नंबर सही ढंग से ऑनलाइन इंट्री नहीं की गयी. कई मौजा की जमीन का खतियान, पर्चा व डीड कैथी व बांग्ला भाषा में रहने की वजह से जमीन का ब्योरा सही-सही इंट्री नहीं हो पाया. इस वजह से जब जमीन मालिक ऑनलाइन म्यूटेशन व लगान जमा करने के लिए आवेदन देते हैं, तो रिजेक्ट हो जाता है.
देवघर अंचल में सबसे अधिक लंबित
देवघर अंचल में सबसे अधिक करीब तीन सौ ऑनलाइन म्यूटेशन लंबित है. विभाग के अनुसार देवघर अंचल की अधिकांश जमीन असर्वेक्षित मौजा में है. असर्वेक्षित मौजा रहने की वजह से जमीन का खतियान व अन्य ब्योरा ऑनलाइन नहीं हो पाया है. ब्योरा पूरा नहीं होने से देवघर अंचल के कई भू-खंडों का म्यूटेशन बाधित है.
निर्धारित तिथि में त्रुटियों का सुधार नहीं
जिन रैयतों की जमीन का ब्योरा व रकवा गलत इंट्री हो गया है, उन त्रुटियों में सुधार करने के लिए राजस्व विभाग व एनआइसी ने प्रत्येक माह के एक से 10 तारीख तक अंचल के कर्मचारी से लेकर सीओ तक को निर्देश दिया गया है. जिले भर के सभी अंचलों में जमीन मालिकों द्वारा त्रुटियों में सुधार के लिए आवेदन दिये जा रहे हैं, लेकिन निर्धारित तिथि में त्रुटियों में सुधार नहीं हो रहा है. यही वजह है कि सही ब्योरा नहीं रहने से जमीन के म्यूटेशन की लंबित संख्या 1054 हो गयी है.
एक सप्ताह में सुधार का अल्टीमेटम : राजस्व व एनआइसी के उच्चाधिकारियों ने अंचल के कर्मियों से लेकर पदाधिकारी व ऑपरेटर को जमीन के ऑनलाइन ब्योरे में सुधार के लिए एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है. अगर सुधार नहीं हुआ, तो विभाग से निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है.
जमीन का ब्योरा सही ढंग से उपलब्ध नहीं कराये जाने पर ऑनलाइन इंट्री सही-सही नहीं हो पायी है. देवघर अंचल में सर्वेक्षित मौजा होने की वजह से जमीन का ब्योरा ही नहीं आ पाया. इस परिस्थिति में ऑनलाइन म्यूटेशन व लगान रसीद कुछ बाधित हुई है. वैसे जिन रैयतों की जमीन का ब्योरा व रकवा की इंट्री गलत हो गयी है, उन त्रुटियों में सुधार के लिए अंचल में आवेदन संबंधित दस्तावेज के साथ दे सकते हैं. एक से 10 तारीख के बीच प्रत्येक माह में सुधार किये जा रहे हैं.
– एबी रॉय, डीआइओ, देवघर

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