स्टेशन में यात्री सुविधाओं का अभाव, शाम होते ही वीरान हो जाता है देवघर स्टेशन

जसीडीह: रोजाना हजारों भक्त व पर्यटक बाबा की पूजा करने व घूमने के लिए देवघर पहुंचते हैं. यहां आने के लिए रेल मार्ग सबसे प्रमुख साधन है. देवघर में दो रेलवे स्टेशन हैं. इनमें से एक देवघर रेलवे स्टेशन में यात्री सुविधाओं का अभाव है. रात में आने वाले यात्री देवघर स्टेशन पर उतरना नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2017 12:40 PM
जसीडीह: रोजाना हजारों भक्त व पर्यटक बाबा की पूजा करने व घूमने के लिए देवघर पहुंचते हैं. यहां आने के लिए रेल मार्ग सबसे प्रमुख साधन है. देवघर में दो रेलवे स्टेशन हैं. इनमें से एक देवघर रेलवे स्टेशन में यात्री सुविधाओं का अभाव है. रात में आने वाले यात्री देवघर स्टेशन पर उतरना नहीं चाहते हैं. स्टेशन परिसर में न तो पर्याप्त लाइट की व्यवस्था है और न ही सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम है. यात्री भगवान भरोसे ही स्टेशन पर घंटों ट्रेन का इंजतार करते हैं. शाम होते ही देवघर स्टेशन वीरान हो जाता है.

रात में आने वाली ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को यहां से ऑटो तक नहीं मिलती है. इन समस्याओं से रेल यात्रियों ने कई बार रेलवे अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन कोई ध्यान नहीं

दिया गया.
रांची के लिए खुलती है ट्रेन
रांची के लिए देवघर स्टेशन से इंटरसिटी एक्सप्रेस खुलती है. वहीं दुमका-रांची एक्सप्रेस इसी स्टेशन से गुजरती है. इसके अलावा एक ट्रेन अंडाल से चल कर जसीडीह होते हुए बांका तक चलती है. ऐसे में देवघर के लोगों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण स्टेशन है. बावजूद यहां सुविधाएं नहीं दी गयी है. इस स्टेशन से आम दिनों में प्रतिदिन लगभग पांच सौ यात्रियों का आवागमन होता है. वहीं श्रावणी मेले के दौरान यात्रियों की काफी भीड़ रहती है. इससे रेलवे को सालाना करोड़ों की आय होती है.
शराबियों व मनचलों का रहता है अड्डा
स्टेशन में एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए सब-वे बनाया गया है, लेकिन इसमें रोशनी की व्यवस्था नहीं है. इस कारण सब-वे में अंधेरा रहता है. लोग इससे आवागमन करने से कतराते हैं. स्टेशन पर सुरक्षा के अभाव में सब-वे के अंदर शराबियों व मनचलों का अड्डा रहता है.
रात में नहीं मिलता ऑटो
रांची से आने वाली इंटरसिटी रात करीब 10 बजे देवघर स्टेशन पहुंचती है. इस ट्रेन से आने वाले यात्रियों को स्टेशन से घर जाने के लिए ऑटो तक नहीं मिलती है. परिसर के बाहर पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं है. जिससे यात्रियों को गाड़ी पार्किंग की भी समस्या होती है. साथ ही स्टेशन व परिसर के बाहर अंजान लोगों का जमावड़ा लग रहता है, जिससे यात्रियों में एक भय बना रहता है. खासकर महिलाएं शाम होने के बाद स्टेशन तक आने-जाने में परेशानी व असुरक्षित महसूस करते हैं.

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