संताल की जलवायु शहतूती रेशम उत्पादन के लिए उपयुक्त

देवघर: केंद्रीय रेशम बोर्ड, बहरमपुर के निदेशक डॉ एस निर्मल कुमार शुक्रवार को देवघर पहुंचे. होटल महामाया में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संताल परगना की जलवायु शहतूती रेशम उत्पादन के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. प्रमंडल में हजारों एकड़ जमीनें बंजर रहने की जानकारी उन्हें संस्थाओं के माध्यम से मिला है. उन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2014 9:33 AM

देवघर: केंद्रीय रेशम बोर्ड, बहरमपुर के निदेशक डॉ एस निर्मल कुमार शुक्रवार को देवघर पहुंचे. होटल महामाया में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संताल परगना की जलवायु शहतूती रेशम उत्पादन के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. प्रमंडल में हजारों एकड़ जमीनें बंजर रहने की जानकारी उन्हें संस्थाओं के माध्यम से मिला है.

उन बेकार पड़े बंजर भूमि पर इसकी खेती की जा सकती है और उसके जरिये रेशम कीट का पालन किया जा सकता है. यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है. महिलाएं घर बैठे इसका बड़ा उत्पादन कर बड़ा लाभ अजिर्त कर सकती हैं. रेशम उत्पादन की एक छोटी सी इकाई 1.5 लाख रुपये तक की आमदनी दे सकती है. इसके लिए रेशम बोर्ड के बहुत सारे प्रोग्राम हैं. जिसको संताल परगना में क्रियान्वित किया जा सकता है. इसमें बोर्ड स्थानीय लोगों को स्वावलंबी होने में मदद कर सकता है. मौके पर बोर्ड के उपनिदेशक डॉ एस राय चौधरी, रांची से बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ सीएस सुधाकर

स्वयंसेवी संस्थाओं की हुई बैठक
इससे पूर्व विवेकानंद रिक्शा चालक स्वावलंबी सहकारी समिति व केंद्रीय रेशम बोर्ड बहरमपुर के तत्वावधान में देवघर से जुड़े स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई. इसमें प्रभात कुमार चौबे, विपीन मिश्र, स्वामी राधाकांतानंद, बबीता सिन्हा, देवेंद्र पांडेय, नीतेश कुमार झा, अशोक झा, मुकेश शर्मा, आरके सिंह, विलास कुमार, अनुज सिंह आदि ने भाग लिया.

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