स्कूलों में एमडीएम बंद उपस्थिति घटी

देवघर: बच्चों को स्कूलों से जोड़े रखने तथा बुनियादी शिक्षा देने के उद्देश्य से मध्याह्न भोजन कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. विद्यालय में नियमित मध्याह्न भोजन दिये जाने से बच्चों की उपस्थिति भी बेहतर रहती है. लेकिन हाल के महीनों में देवघर जिले के सैकड़ों विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद होने से छात्रों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2017 11:40 AM
देवघर: बच्चों को स्कूलों से जोड़े रखने तथा बुनियादी शिक्षा देने के उद्देश्य से मध्याह्न भोजन कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है. विद्यालय में नियमित मध्याह्न भोजन दिये जाने से बच्चों की उपस्थिति भी बेहतर रहती है. लेकिन हाल के महीनों में देवघर जिले के सैकड़ों विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद होने से छात्रों की उपस्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ा है. जानकारी के अनुसार सिर्फ देवघर अंचल में करीब 30 स्कूलों में मध्याह्न भोजन चावल के अभाव में कई दिनों से बंद है.
इसमें उत्क्रमित मध्य विद्यालय चांदडीह, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बेला, उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय गौरीपुर आदि शामिल है. यही हाल देवघर प्रखंड सहित विभिन्न प्रखंडों के दर्जनों विद्यालयों की है. विद्यालय में चावल नहीं होने की सूचना विभाग के पदाधिकारी सहित एमडीएम सेल को भी है, लेकिन चावल उपलब्ध कराने की दिशा में अबतक कोई पहल नहीं की गयी है.
सुप्रीम कोर्ट का है स्पष्ट निर्देश
सरकारी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को मध्याह्न भोजन दिये जाने का प्रावधान किया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि स्कूलों में हर दिन बच्चों के बीच मध्याह्न भोजन पराेसा जाये. किसी भी हाल में मध्याह्न भोजन बंद नहीं हो सके. बावजूद जिले में कई दिनों से चावल के अभाव में मध्याह्न भोजन बंद पड़ा है. इस पर विभाग गंभीर नहीं है.

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