मुकदमा दर्ज कराने में आधी आबादी आगे
वर्ष 2017 में जहां 998 महिलाओं ने दर्ज कराया केस वहीं मात्र 314 पुरुष ही आ पाये आगे प्रतिमाह औसतन 109 मामले दर्ज किये गये देवघर : साल बीतने को है व नये साल आने की दस्तक दे रहा है. वाकई साल 2017 महिलाओं के लिए जाना जायेगा. सीजेएम कोर्ट के क्षेत्राधिकार वाले थाना क्षेत्रों […]
वर्ष 2017 में जहां 998 महिलाओं ने दर्ज कराया केस वहीं मात्र 314 पुरुष ही आ पाये आगे
प्रतिमाह औसतन 109 मामले दर्ज किये गये
देवघर : साल बीतने को है व नये साल आने की दस्तक दे रहा है. वाकई साल 2017 महिलाओं के लिए जाना जायेगा. सीजेएम कोर्ट के क्षेत्राधिकार वाले थाना क्षेत्रों में हुई विभिन्न प्रकार के वारदातों को लेकर दर्ज हुए मामलों का ग्राफ करीब 1312 तक पहुंच गया है. यह पिछले वर्ष के आंकड़ों से अधिक है.
गत वर्ष साढ़े बारह सौ के लगभग परिवाद कोर्ट में दाखिल हुए थे. हाल के वर्ष में परिवाद दर्ज कराने में महिलाओं ने पुरुष को पीछे छोड़ा है. देवघर अनुमंडल के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हुई घटनाओं को ले दर्ज प्राथमिकी के अलावा ये मामले सीधे न्यायालय में दाखिल हुए हैं. केस दर्ज कराने में सबसे आगे महिलाएं हैं. करीब 998 महिलाओं ने कोर्ट की शरण ली है जबकि 314 पुरुषों ने अपनी फरियाद दर्ज कराया है. प्रतिमाह के आइने में देखा जाय तो हर माह 109 मामले दर्ज हुए हैं.
दहेज के सबसे अधिक मामले सामने आये
कोर्ट में सबसे अधिक पारिवारिक मामले दाखिल हुए हैं. इसमें से दहेज प्रताड़ना के मामले अव्वल हैं.इसका ग्राफ 728 तक पहुंच गया है. दूसरे स्थान पर छेड़खानी के मामले हैं. जिसकी संख्या 205 है. छेड़खानी की धारा को गैर जमानती घोषित होने के बाद से दुष्कर्म का ग्राफ घटा है. इस वर्ष कोर्ट में महज 13 दुष्कर्म के मामले दाखिल हुए हैं. वहीं डायन प्रताड़ना के मामलों में भी इजाफा हुआ है. इसकी संख्या सौ के करीब पहुंच गयी है.