पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने में आखिर देरी क्यों ?

देवघर: सरकारी कामकाज में रिपोर्ट की बड़ी अहमियत होती है. ये किसी के जीवन को बना व बिगाड़ सकता है. इसके बावजूद देवघर सदर अस्पताल प्रबंधन की ओर से जारी होने वाले अधिकांश रिपोर्ट में देरी होती है. इसका सीधा प्रभाव अनुसंधान पर पड़ता है. जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ता है. हाल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:43 PM

देवघर: सरकारी कामकाज में रिपोर्ट की बड़ी अहमियत होती है. ये किसी के जीवन को बना व बिगाड़ सकता है. इसके बावजूद देवघर सदर अस्पताल प्रबंधन की ओर से जारी होने वाले अधिकांश रिपोर्ट में देरी होती है. इसका सीधा प्रभाव अनुसंधान पर पड़ता है. जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ता है. हाल के दिनों में शहर के दो बेहद संवेदनशील मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने में जिस तरह की देरी की गयी.

यह काफी आश्चर्यजनक रहा. जरमुंडी थाना प्रभारी राधेश्याम दास द्वारा नाबालिग के साथ किये गये यौन शोषण के बाद उसकी मेडिकल रिपोर्ट देने में की गयी अनावश्यक देरी में ऐसा ही मामला सामने आया. अनावश्यक देरी के कारण पीड़िता को न्याय मिलने में अड़चनें आयी.

वहीं डाबरग्राम पुलिस लाइन इलाके में हुई दो छात्राओं के साथ रेप व हत्या मामले की रिपोर्ट चार दिनों तक तैयार नहीं हो सकी. इससे लोगों में आक्रोश भड़का जिसका खामियाजा राह चलने वाले आम लोगों को उठाना पड़ा. इसी का नतीजा है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलने में बेवजह देरी हो रही है. रिपोर्ट के देर से आने पर अक्सर सवालिया निशान खड़े करता है वहीं आरोपितों को कई दफे इसका फायदा मिल जाता है.

Next Article

Exit mobile version