जसीडीह: देर रात से ही लगातार हो रही बारिश के बावजूद लोगों इस अमानवीय घटना के खिलाफ सुबह लगभग साढ़े छह बजे से ही सड़कों पर जमा होना शुरू कर दिया. दिन भर हो रही बारिश के बाद भी लोग जाम स्थल पर डटे रहे.
आक्रोशितों की भीड़ के आगे पुलिस-प्रशासन भी बेबस नजर आ रही थी. कई बार तो भीड़ ने पुलिस-प्रशासन को भी खदेड़ दिया. लोगों का आरोप था कि पुलिस जहां आम लोगों को सुविधाएं देने में नाकाम है वहीं लोगों को सुरक्षा मुहैया उपलब्ध कराने में पुलिस विफल साबित हो रही है. शहर में दिन ब दिन आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हो रही है मगर प्रशासन हाथ पर हाथ धरे हुए है.
लोगों का कहना था कि घटना के अंजाम देने के बाद पुलिस कुछ दिनों के लिए चौकन्नी होती है फिर स्थिति जस की तस हो जाती है. लोगों ने पुलिसिया कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर दोनों छात्रओं के अभिभावकों द्वारा गुमशुदगी की सूचना मिलने पर थाना पुलिस त्वरित कार्रवाई करती तो शायद यह घटना नहीं होती. लोगों ने इसके लिए जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की.
दिल्ली में रखेंगी बात
सीपीआइ(एम) पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात गुरुवार को डाबर ग्राम जाम स्थल पहुंची. छात्रओं के परिजन व रोड जाम कर रहे लोगों से मिल कर मामले की जानकारी ली.