Jharkhand : ये कौन-सा रोग है? नहाते समय पूरे शरीर में होती है सिहरन और गिर जाते हैं लोग
देवघर : संताल परगना में एक गांव में एक अजीब तरह की बीमारी ने दस्तक दी है. एक के बाद एक कई लोग इसबीमारीकी वजह से बिस्तर पर हैं.दोलोगों की तो जान भी जा चुकी है.इसबीमारी को शुरू हुए 6 महीने से ज्यादाकावक्त बीत गया,लेकिन बीमारी की वजह के बारेमें अब तक पतानहीं चल पाया […]
देवघर : संताल परगना में एक गांव में एक अजीब तरह की बीमारी ने दस्तक दी है. एक के बाद एक कई लोग इसबीमारीकी वजह से बिस्तर पर हैं.दोलोगों की तो जान भी जा चुकी है.इसबीमारी को शुरू हुए 6 महीने से ज्यादाकावक्त बीत गया,लेकिन बीमारी की वजह के बारेमें अब तक पतानहीं चल पाया है. इस अज्ञात बीमारी के बढ़ते दायरे से इलाके के लोग चिंता और दहशत में हैं.
मामला देवघर जिला के सारवा प्रखंड के सिरसा गांव का है. कई लोग इस बीमारी से पीड़ित हुए, लेकिन कोई पूरी तरह ठीक नहीं हो पाया. पीड़ित व्यक्ति को यदि समय पर इलाज उपलब्ध हो जाता है, तो वह जीवित तो बच जाता है, लेकिन उसका कोई न कोई अंग काम करना बंद कर देता है. अभी 31 दिसंबर को रुबी (40) नहा रही थी. इसी दौरान उसके पूरे शरीर में कंपन हुआ और वह गिर पड़ी.
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परिवार के लोग रुबी को देवघर ले गये. उसका इलाज हुआ. रुबी की जान तो बच गयी, लेकिन उसके शरीर के दाहिने हिस्सा ने काम करना बंद कर दिया. उसके सिर में अब भी दर्द रहता है. इससे पहले मार्च, 2017 में दीपक के साथ भी ऐसा ही हुआ था.उसेतो दिल्ली ले जाना पड़ा. वहां दीपक का ऑपरेशन करना पड़ा. ऑपरेशन के बाद वह जीवित तो है, लेकिन उसके शरीर का भी एक हिस्सा काम नहीं कर रहा.
सिरसा गांव में इस बीमारी से 6 महीने में दो लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोगइसबीमारी से पीड़ित हैं और इलाज करवारहे हैं. सारवा स्थित डाकघर के पोस्टमास्टर को भी यह रोग लग गया. पटना से इलाज के बाद वह देवघर में अपने एक डॉक्टर रिश्तेदार की देखरेख में हैं. न्यू ईयर के पहले दिन गांव के एक पारा शिक्षक, अपने पीछे तीन मासूमों को छोड़करइसदुनिया से चले गये.
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शाममें उनकी तबीयत खराब हुई थी. इलाज के लिए रांची ले जाया गया.रांची में उन्होंने एक जनवरीको दम तोड़ दिया. 50 साल के धनेश्वर मांझी को छठ पूजा के दिन इस बीमारी का झटका लगा, तो दशहरा के दिन एक महिला की मौत हो गयी.
लगातार इस बीमारी से हो रही मौतों से गांव के लोग परेशान हैं. गांववालों ने जनप्रतिनिधियों के जरिये सिविल सर्जन तक यह बात पहुंचायी है. गांववाले सरकारी स्तर पर इस बीमारी की जांच-पड़ताल चाहते हैं. प्रखंड चिकित्सा प्रभारी की मानें, तो वह खुद जाकर जमीनी हकीकत जानने की कोशिश करेंगे और आला अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट देंगे.