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नहीं लगा है नो इंट्री का बोर्ड, कट जाता है चालान

श्रद्धालुओं की गाड़ियों को शहर में घुसते ही देना पड़ता है फाइन देवघर: शहर के किसी भी प्रवेश मार्ग पर नो-इंट्री का बोर्ड नहीं लगा है. ऐसे में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन चालकों को पता नहीं होता है कि उन्हें किस रास्ते से जाना है. जैसे ही ये बस शहर के नो […]

श्रद्धालुओं की गाड़ियों को शहर में घुसते ही देना पड़ता है फाइन
देवघर: शहर के किसी भी प्रवेश मार्ग पर नो-इंट्री का बोर्ड नहीं लगा है. ऐसे में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन चालकों को पता नहीं होता है कि उन्हें किस रास्ते से जाना है. जैसे ही ये बस शहर के नो इंट्री जोन में प्रवेश करते हैं उनका फाइन कर दिया जाता है. नो इंट्री की जानकारी से संबंधित डिस्प्ले बोर्ड भी कहीं नहीं लगा है. कहां और किस इलाके में कब तक नो-इंट्री है, इससे संबंधित जानकारी देने वाला भी कोई नहीं रहता. कहां तक किस रास्ते से बाहर के गाड़ियों को प्रवेश करना है, इसके लिए भी कोई बंदोबस्त नहीं है.
रोजाना सैकड़ों छोटे-बड़े वाहनों से पहुंचते हैं श्रद्धालु
राज्य सरकार ने बाबाधाम को सांस्कृतिक राजधानी का भी दर्जा दे रखा है. औसतन शहर में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं. ट्रेन, बस व छोटे वाहनों से श्रद्धालु यहां आते हैं.
ऐसे में अगर श्रद्धालुओं की बस शहर में प्रवेश करती है तो उनसे यातायात पुलिस दनादन फाइन वसूलती है. वर्ष 2018 में अब तक दो दर्जन श्रद्धालुओं की बसों से फाइन वसूली की गयी है. पांच जनवरी से प्रतिदिन यातायात पुलिस चार से पांच श्रद्धालु बसों से फाइन वसूल रही है. हरेक बस से औसतन चार से पांच हजार रुपये का फाइन वसूला जाता है.
18 बाहरी बसों से वसूला गया 60 हजार जुर्माना
यातायात पुलिस ने इस महीने अब तक 275 वाहनों से 160450 रुपये की फाइन वसूली की है. जिसमें 18 बाहरी बसों से 60 हजार रुपये फाइन वसूला गया है. पांच जनवरी को दो बस से, छह जनवरी को तीन, आठ जनवरी को एक, नौ जनवरी को दो, 10 जनवरी को चार, 11 जनवरी को दो व 12 जनवरी को चार बसों से फाइन वसूली हुई है.
सिर्फ भुरभुरा मोड़ पर मिला नो-इंट्री बोर्ड
शहर का प्रवेश मार्ग सत्संग चौक, कोरियासा मोड़, बैजनाथपुर चौक, कुंडा मोड़, गिधनी मोड़ व जटाही मोड़ है. इन स्थानों पर कहीं भी नो-इंट्री का कोई बोर्ड नहीं लगा हुआ है. अगर श्रद्धालु की बस दिन में बाबाधाम दर्शन के लिए पहुंचती है, तो किस रास्ते से शहर प्रवेश करेगी, इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है. सिर्फ भुरभुरा मोड़ पर ही नो-इंट्री का बोर्ड बेरिकेडिंग में लटका दिया गया है.
कहते हैं यातायात डीएसपी
अगर श्रद्धालु वाहन गलती से शहर प्रवेश करता है तो उससे फाइन नहीं वसूला जाना चाहिए. 11 जनवरी को एक-दो बसों को यातायात पुलिस द्वारा रोकते देखा, तो उसे आगे डायवर्ट करा दिया गया. शहर के प्रवेश मार्ग में डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए यातायात पुलिस के पास अलग से फंड नहीं है. अगर आगे कोई श्रद्धालु की गाड़ी गलती से नो-इंट्री में प्रवेश करती भी है, तो यातायात पुलिस उसे सही रास्ता बतायेगी. फाइन वसूली बिल्कुल नहीं करेगी.
-रविकांत भूषण, सीसीआर सह यातायात डीएसपी

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