तीन किमी की ट्रैफिक भी नहीं संभल रही
हर दिन की एक ही दिक्कत, जाम की समस्या से जूझ रहा शहर रात में काम होता है एनएच का, दिन में मशीन-रोलर खड़ा रहता है रोड पर जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाने से हो गयी है जाम की स्थिति टावर चौक के आगे सड़क पर खड़ी रही बिहार के विधायक की गाड़ी पुलिस न ही उसे […]
हर दिन की एक ही दिक्कत, जाम की समस्या से जूझ रहा शहर
रात में काम होता है एनएच का, दिन में मशीन-रोलर खड़ा रहता है रोड पर
जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाने से हो गयी है जाम की स्थिति
टावर चौक के आगे सड़क पर खड़ी रही बिहार के विधायक की गाड़ी
पुलिस न ही उसे हटाने गयी और न फाइन वसूल सकी
सर्राफ स्कूल से नगर भवन, पानी टंकी होते मंदिर मोड़ तक भी रहा जाम का नजारा
देवघर : शहर के तीन किलोमीटर के मुख्य मार्ग की व्यवस्था को पुलिस दुरुस्त नहीं कर पा रही है. जिधर से गुजरिये हर तरफ जाम में फंसना आम बात है. शहर की हृदय स्थली टावर चौक पर का नजारा देखें, तो जगह-जगह लोहे की बेरिकटिंग कर दी गयी है. इससे भी जाम लगा रहता है. वहीं एनएच निर्माण करने वाली कंपनी रात में काम करने के बाद मशीन व रोलर सड़क पर ही छोड़ देती है. इससे आवागमन में काफी परेशानी हो रही है.
आने-जाने वाली गाड़ियां एक तरफ से ही निकलती है. इससे भी दिनभर जाम लगता-छूटता रहता है. वहीं बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की वाहन भी टावर चौक के समीप सड़क किनारे पार्क करायी जाती है. शनिवार दिन में करीब 11 बजे बिहार के किसी विधायक की गाड़ी टावर चौक के पास सड़क किनारे घंटों खड़ी रही. इससे जाम की स्थिति बनी रही. बगल में टावर चौक पर ड्यूटी कर रही पुलिस यह सब देखती रही, लेकिन न ही विधायक की गाड़ी हटाने गयी और न ही उससे फाइन करने की हिम्मत जुटा सकी. ऐसे में आधे किलोमीटर की दूरी पार करने में लोगों का करीब आधे घंटे का समय लग गया.
जाम के कारण कई लोगों का काम भी बिगड़ गया. टावर चौक से लोग अगर निकलकर आगे बढ़े तो सर्राफ स्कूल होते हुए नगर भवन के समीप, प्राइवेट बस स्टैंड गेट पर, पानी टंकी होकर मंदिर मोड़ तक भी ऐसा ही नजारा दिखा. सर्राफ स्कूल से नगर भवन होते हुए प्राइवेट बस स्टैंड तक तो यात्रियों के इंतजार में सड़क पर ही ऑटो खड़ी दिखी. वहीं पानी टंकी से मंदिर मोड़ तक भी कुछ इसी तरह का नजारा रहा. टावर चौक को छोड़ दें तो रास्ते में कहीं भी यातायात पुलिस नहीं आयी.
चाहे कुछ भी हो, गाड़ी सड़क पर लगायेंगे
आम आदमी की ही नहीं, व्यवसाय के लिए चलने वाली गाड़ियां भी सड़क पर ही लगती है. ऑटो वाले हो या बस वाले, सब के सब यात्रियों के इंतजार में सड़क पर ही खड़े रहते हैं. कभी भी शहर की सड़कों पर निकलें, प्राइवेट बस स्टैंड से लेकर सर्राफ स्कूल होते हुए जसीडीह जाने वाली सड़कों पर यात्री ऑटो सड़क पर दिख जायेगी. वह दुमका जाने वाली पथ पर पानी टंकी के रास्ते आगे बढ़ें तो एक-दो बस सड़क पर यात्री का इंतजार करते खड़ी मिलेगी.
हम नहीं सुधरेंगे
लगातार चेकिंग अभियान के बाद लोग हेलमेट पहनने लगे थे. इससे सड़क दुर्घटना में भी कमी आयी, लेकिन फिर एक बार लोग बगैर हेलमेट के चलने लगे हैं. कार चालकों ने सीट बेल्ट लगाना छोड़ दिया है. ऐसा लग रहा है कि लोगों ने नहीं सुधरने की कसम खा ली है. ट्रैफिक नियम का पालन करने में लोगों को क्यों कठिनाई होती है, यह समझ से परे है. एक तरफ सीएम बाइक में चालकों के अलावा पीछे बैठने वालों से भी हेलमेट पहनने की अपील कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ अधिकांश बाइक चालक ही हेलमेट लगाना छोड़ दिये हैं.
पांच घंटे खड़ी रही विधायक की गाड़ी, नहीं कटा फाइन
बिहार के एक विधायक की गाड़ी टावर चौक के सामने होटलों के पास करीब चार से पांच घंटे तक खड़ी रही और उस वाहन का फाइन नहीं कटा. अगर इस जगह पर किसी आम आदमी की गाड़ी रहती, तो पुलिस पहले उसे थाना ले जाती, फिर नियम से उससे फाइन वसूल करती. विधायक जी की गाड़ी की फाइन काटना दूर, उसे हटाने के लिये भी कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं गयी.
कहते हैं ट्रैफिक डीएसपी
सीसीआर सह ट्रैफिक डीएसपी रविकांत भूषण ने कहा कि शहर में पार्किंग की व्यवस्था सही नहीं है. लोग जहां जगह पाते हैं, वहीं गाड़ी खड़ी कर देते हैं. अपनी जिम्मेवारी समझनी चाहिए. एनएच वाले भी मशीन-रोलर रोड पर छोड़ देते हैं, इसलिए मजबूरी में लोहे की बेरिकटिंग लगानी पड़ती है ताकि कोई दुर्घटना न हो जाये. बिहार के किस विधायक की गाड़ी लगी थी, पुलिस नहीं देख सकी होगी. अगर सड़क पर गाड़ी देखती तो फाइन जरूर किया जाता.