50 घंटे बाद भी आरोपित तक नहीं पहुंच सकी पुलिस

देवघर: आजाद परिहस्त हत्याकांड के 50 घंटे बाद भी पुलिस एक भी नामजद आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. इस बात से तरह-तरह के कयास लगने शुरू हो गये हैं. लोगों का कहना है कि एक राजनीतिक दल के जिला स्तर के पदाधिकारी का नाम इस घटना से जुड़ने के कारण पुलिस इंतजार कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2014 9:29 AM

देवघर: आजाद परिहस्त हत्याकांड के 50 घंटे बाद भी पुलिस एक भी नामजद आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. इस बात से तरह-तरह के कयास लगने शुरू हो गये हैं. लोगों का कहना है कि एक राजनीतिक दल के जिला स्तर के पदाधिकारी का नाम इस घटना से जुड़ने के कारण पुलिस इंतजार कर रही है कि आरोपित स्वयं कोर्ट में आत्मसमर्पण करे.

ताकि पुलिस की मुश्किल हल हो जाये. स्वाभाविक है कि एक भी आरोपित गिरफ्तार होता है तो बाकी सबों को गिरफ्तार करने को लेकर दबाव बढ़ जायेगा. ज्ञात हो कि गुरुवार देर शाम धोबिया टोला स्थित माखनचोर दुकान के बगलवाली गली (कलकत्ता टेलर्स के नीचे) में गुरुवार की शाम चाकू से ताबड़-तोड़ वार कर अक्षय परिहस्त उर्फ आजाद (18) की हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में कुल पांच लोगों को आरोपित बनाया गया है.

चश्मदीद को तलाश रही पुलिस

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आजाद हत्याकांड मामले में पुलिस को घटना के चश्मदीद की तलाश है. जो उस वक्त घटनास्थल के आसपास मौजूद था. इसके लिए पुलिस के खुफिया सूत्र इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो घटना के वक्त आसपास के कई प्रतिष्ठानों के सीसीटीवी कैमरे आसपास के इलाके पर निगहबानी रहे थे. उन कैमरों में घटना को अंजाम देने वाले आरोपितों के चेहरे घटनास्थल की ओर से जाते और कुछ देर बाद घटना को अंजाम देने के बाद बाहर निकलते वक्त कैद हैं. सूत्र यह भी बताते हैं कि इस घटना को छह से सात लोगों ने अंजाम दिया है. पुलिस को इन सभी के अलावा मास्टर माइंड की तलाश है. जिसके इशारे पर घटना को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया गया है.

फुटेज से नहीं हो सका है मिलान

घटना वाले दिन जख्मी अवस्था में आजाद को अस्पताल पहुंचाया गया था. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं आजाद को अस्पताल पहुंचाने वाला शख्स फौरन उस जगह से गायब हो गया था. इस बात को लेकर पुलिस में आशंका गहरा गया. इस आशंका को दूर करने के लिए पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन की मदद से अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगालने का प्रयास किया. इस क्रम में सीसीटीवी कैमरा लगाने वाली कंपनी ने प्रबंधन को एक गुप्त पासवर्ड दिया था. बावजूद पासवर्ड मैच नहीं करने से फुटेज का फोल्डर नहीं खुल सका. बाद में परिजनों की पहल पर पुलिस आश्वस्त हो गयी कि आजाद को अस्पताल पहुंचाने वाले शख्स को परिवार के सदस्य पहचानते हैं.

वर्चस्व की लड़ाई में होती रही है फायरिंगपिछले छह माह के दौरान शिवगंगा, मानसरोवर, बिलासी, बीएन झा पथ, सीता होटल के आसपास के इलाके में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर बीच-बीच में हवाई फायरिंग की घटनाएं होती रही हैं. इन घटनाओं के बाद बहुत सारी सूचनाएं पुलिस या प्रशासन तक नहीं पहुंच पाती. इनमें से कई घटनाएं दशहरा, दीपावली के समय और उसके बाद हो चुकी है.

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