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एक लोककंठी जनकवि को स्मरणीय बनाने की पहल

II डॉ उत्तम पीयूष II गौर से देखें तो शायद ही कहीं किसी लोककवि या जनकवि का स्मारक आपको नजर आये. खासकर संताल परगना में जहां तमाम देशभक्तों के स्मारक तो दिखेंगे पर किसी साहित्यकार या लोककवि का स्मारक आज के समय में शायद ही कहीं नजर आये. पर अच्छी-बहुत अच्छी ख़बर आपको सुबह सुबह […]

II डॉ उत्तम पीयूष II
गौर से देखें तो शायद ही कहीं किसी लोककवि या जनकवि का स्मारक आपको नजर आये. खासकर संताल परगना में जहां तमाम देशभक्तों के स्मारक तो दिखेंगे पर किसी साहित्यकार या लोककवि का स्मारक आज के समय में शायद ही कहीं नजर आये.
पर अच्छी-बहुत अच्छी ख़बर आपको सुबह सुबह सुना रहा हूं कि संताल परगना के जनकवि एवं लोकगीतकार कृष्ण प्रसाद चौधरी का एक ‘स्मारक’ उनके गांव गोविंदपुर (हरिपुर कोलबा) में बनने जा रहा है. मेरी मानें तो यह साहित्य और संस्कृति के लिए, ग्राम जीवन के देशज स्वर लिए सुखद समाचार है.
साहित्य को जनवाणी कहा जाता है और ऐसे जनकवि जिन्होंने अपनी रचनाओं, अपने गीतों, झूमर,खेमटा,गाना आदि से संताल परगना के साहित्य को नया मिज़ाज दिया है – जिनकी सैकड़ों अप्रकाशित रचनाएं किसी उदार हृदय व्यक्ति की बाट जोह रही है – आज उनके ‘स्मारक’ बनने की प्रक्रिया का आरंभ होने जा रहा है तो यह बड़ी बात है खासकर उनकी ही जन्मभूमि और कर्मभूमि में. जी हां, पिछले दस वर्षों से ‘उमा रिसर्च एंड डाक्यूमेंटेशन सेंटर ‘ मधुपुर द्वारा उनके ‘स्मारक ‘ को बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा था. आखिरकार इस वर्ष पिछले ही महीने स्व. कृष्ण प्रसाद चौधरी जी के बड़े सुपुत्र श्री शिव प्रसाद चौधरी एवं छोटे सुपुत्र श्री चंद्रकांत चौधरी ने मौजा गोविंदपुर में अपनी जमीन पर 3×3 (तीन फीट लंबी तीन फीट चौड़ी ) जमीन स्मारक हेतु दान दे कर स्मारक बनाने के प्रयास को ठोस स्वरूप दे दिया है.
अब यह समाज के तमाम प्रबुद्ध एवं जागरूक जनों का दायित्व है कि वे भी पहल करें, आगे आयें : ‘उमा रिसर्च एंड डाक्यूमेंटेशन सेंटर ‘ लगातार इस दिशा में कोशिशें जारी रखेगा बस आप विचार करें, देखें कि एक लोककवि को जिन्होंने लिखकर ,गाकर कितने अनमोल सौगात अपने समाज को दिए हैं – उनके लिए हम ऐसा क्या कर सकते हैं और कैसे भविष्य में अपनी सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विरासतों को संजो कर रख सकते हैं.
गोविंदपुर में प्रत्येक वर्ष जुटेंगे संताल परगना के लोक कलाकार, गीतकार और लोकथावाचक : उमा रिसर्च एंड डाक्यूमेंटेशन सेंटर की निर्देशिका श्रीमती पुनीता सिन्हा ने बतलाया कि भविष्य में ग्राम गोविंदपुर में स्व. कृष्ण प्रसाद चौधरी जी के स्मारक के निकट संताल परगना के लोककलाकारों, गीतकारों तथा लोककथा वाचकों को आमंत्रित किया जायेगा तथा उनमें से किन्हीं को ‘ कृष्ण प्रसाद चौधरी लोक समयमान ‘ प्रदान किया जायेगा तथा चौधरी जी की अप्रकाशित रचनाओं को प्रकाशित करने के लिए पहल की जायेगी.

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