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पूर्व मुखिया रीता देवी, राकेश झा समेत तीन पर एफआइआर

चुनाव में मतदाता सूची में गडबड़ी कर नामांकन करने का मामला देवघर : मोहनपुर प्रखंड के मेदनीडीह पंचायत की पूर्व मुखिया रीता देवी व उनके पति राकेश झा समेत तीन पर सीओ राकेश तिवारी ने एफआइआर दर्ज कराया है. पूर्व मुखिया रीत देवी, राकेश झा ने पंचायत चुनाव में मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा कर नामांकन […]

चुनाव में मतदाता सूची में गडबड़ी कर नामांकन करने का मामला

देवघर : मोहनपुर प्रखंड के मेदनीडीह पंचायत की पूर्व मुखिया रीता देवी व उनके पति राकेश झा समेत तीन पर सीओ राकेश तिवारी ने एफआइआर दर्ज कराया है. पूर्व मुखिया रीत देवी, राकेश झा ने पंचायत चुनाव में मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा कर नामांकन पत्र दाखिल किया था. एसडीओ राम निवास यादव के निर्देश पर सीओ ने दोनों के विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 से संबंधित धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज कराया है. राकेश झा के विरुद्ध अपराधिक षड्यंत्र में शमिल होने का आरोप लगाया गया है.
तीसरी अभियुक्त रीता देवी पति-प्रदीप यादव हैं, जिनके खिलाफ यूआइडीएआइ के निर्माण में गड़बड़ी व अपराध का एफआइआर दर्ज हुआ है. सीओ ने पुलिस को वह सबूत भी उपलब्ध करायी है, जिसमें पूर्व मुखिया रीता देवी, राकेश झा समेत एक अन्य रीता देवी पति-प्रदीप यादव द्वारा जालसाजी व षड्यंत्र कर मतदाता सूची व वोटर कार्ड तैयार किया गया था.
एसडीओ के निर्देश पर सीओ ने दर्ज करायी प्राथमिकी
अक्तूबर में गया था मुखिया का पद
मेदनीडीह पंचायत की मुखिया रीता देवी की उम्मीदवारी को देवघर के तत्कालीन एसडीओ सुधीर कुमार गुप्ता ने चार अक्तूबर 2017 को अयोग्य ठहरा दिया था. एसडीओ ने पंचायत चुनाव में निर्वाचन याचिका संख्या 4/2016 सोनी कुमारी बनाम रीता देवी व अन्य के मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह फैसला दिया था, जिसके बाद रीता देवी को मुखिया पद हटा दिया गया.
क्या हुई थी गड़बड़ी
जांच में पाया गया था कि मुखिया रीता देवी का प्रकाशित वोटर लिस्ट के क्रमांक 198 में रीता देवी पति प्रदीप यादव का नाम दर्ज था, जबकि विजयी घोषित उम्मीदवार के रीता देवी के पति का नाम राकेश झा है. इतना ही नहीं, नामांकन प्रपत्र के साथ दाखिल मतदाता पहचान पत्र में रीता देवी का नाम रीता कुमारी पति राकेश झा अंकित है. एसडीओ ने दोनों पक्षों की सुनवायी के बाद रीता देवी पति राकेश झा पर लगाये गये आरोप को सही पाया. साथ ही नामांकन पत्र कानून के विरुद्ध प्रतीत पाते हुए मुखिया रीता देवी की उम्मीदवारी को ही अयोग्य करार दे दिया था.
राकेश झा भी थे मुखिया
2010 के पंचायत चुनाव में रीता देवी के पति राकेश झा भी मुखिया चुने गये थे. मुखिया के कार्यकाल के दौरान ही राकेश झा को ब्रह्मपुरा मौजा की एक जमीन में फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में जेल की हवा खानी पड़ी थी. इस कारनामे को लेकर राकेश झा काफी चर्चा में रहे थे. 2011 की पुलिस की जांच में एक 80 वर्षीय वृद्ध समधी बूढ़ा की जमीन को लेकर भी राकेश झा चर्चा में रहे थे. हाल के दिनों में विराजपुर मौजा में जमीन विवाद को लेकर राकेश झा पर कई आरोप लगते रहे हैं.

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