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ग्रेन बैंक में कैद 200 बोरी यूरिया बर्बाद

एक वर्ष से चल रहे विवादों के बाद बंद पड़ा था गोदामप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीNepal Violence : क्या 17 साल में 10 प्रधानमंत्री से त्रस्त नेपाल में होगी राजशाही की वापसी?Jayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 27, 2018 7:35 AM

एक वर्ष से चल रहे विवादों के बाद बंद पड़ा था गोदाम

देवघर : 25 शाखाओं वाला देवघर ग्रेन बैंक का विवाद पिछले एक वर्ष से चल रहा है. ग्रेन बैंक में वित्तीय गड़बड़ियों की शिकायत मिलने पर डीसीओ सुशील कुमार ने ग्रेन बैंक व गोदाम में ताला जड़ दिया था. इस दौरान ग्रेन बैंक के गोदाम में किसानों को अनुदान में मिलने वाली यूरिया बर्बाद हो गयी. गोदाम में दो सौ बोरी यूरिया खाद पड़ी ही रह गयी. कुल 59,600 रुपये का यूरिया पूरी तरह बर्बाद हो गया है. किसान ग्रेन बैंक का चक्कर लगाते रह गये, लेकिन उन्हें खरीफ व रबी मौसम में खाद नहीं मिला.
हालांकि विभागीय आदेश पर ग्रेन बैंक का ताला छह माह पहले खुल चुका था, लेकिन खाद का वितरण नहीं हो सका. ग्रेन बैंक के निरंतर संचालन नहीं होने से उनके 25 ग्रेन गोला की शाखाएं भी अभी प्रभावित हैं. 25 शाखाओं पर रबी फसल के मौसम में खाद-बीज वितरण का कार्य चालू नहीं हो पाया. अब इन ग्रेन गोला में भी ताला लटकने लगा है.
कई ग्रेन गोला, तो पूरी तरह बंद हो चुके हैं. कुछ ग्रेन गोला में पैक्स का संचालन हो रहा है. किसानों काे महाजनों से मुक्ति दिलाने के लिए कम ब्याज पर ऋण देने के लिए चालू हुई ग्रेन बैंक की योजना राजनीति की भेंट चढ़कर रह गयी है. इस ग्रेन बैंक में किसानों की भूमिका व उनकी योजनाओं पर विभाग का भी कोई नियंत्रण नहीं रह गया है.

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