जीएसटी पर निगम व बिजली विभाग आमने-सामने, जनता प्यासी
देवघर : पेयजलापूर्ति के लिए स्पेशल फीडर लगाने के मामले में जीएसटी के कारण देवघर नगर निगम व बिजली विभाग आमने-सामने है. 10 माह से स्पेशल फीडर का मामला अटका पड़ा है. इसका खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ रहा है. लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. दरअसल नगर निगम ने स्पेशल फीडर लगाने […]
देवघर : पेयजलापूर्ति के लिए स्पेशल फीडर लगाने के मामले में जीएसटी के कारण देवघर नगर निगम व बिजली विभाग आमने-सामने है. 10 माह से स्पेशल फीडर का मामला अटका पड़ा है. इसका खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ रहा है. लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. दरअसल नगर निगम ने स्पेशल फीडर लगाने के लिए बिजली विभाग को राशि का भुगतान कर दिया. उस समय जीएसटी लागू नहीं था.
तीन माह बाद ही केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी लागू कर दिया गया. ऐसे में फीडर के लिए सामान की खरीदारी पर जीएसटी के भुगतान को लेकर दोनों विभागों के बीच मामला फंस गया. नगर निगम पैसे देकर चुप बैठ गया, जबकि बिजली विभाग जीएसटी का भुगतान करने के डर से सामान की खरीदा है. नगर निगम पानी की समस्या का कारण काफी हद तक बिजली की अनियमित सप्लाइ को कारण मान रही है.
पिछले श्रावणी मेला से पहले दिया था चार करोड़
नगर निगम ने पिछले वर्ष श्रावणी मेला में ही पानी समस्या दूर करने का निश्चय किया था. वह 2017 के श्रावणी मेला से पहले ही बिजली विभाग को चार करोड़ का भुगतान कर दिया. दो माह बाद पुन: श्रावणी मेला आनेवाला है और समस्या जस की तस बनी हुई है.
क्या कहते हैं सीइओ
नगर निगम के सीइओ संजय कुमार सिंह ने कहा कि पिछले श्रावणी मेला को ध्यान में रख कर चार करोड़ बिजली विभाग को भुगतान किया गया था. इसके बाद तीन माह में काम पूरा करने का आश्वासन मिला था. दो माह बाद पुन: श्रावणी मेला आनेवाला है और समस्या बरकरार है. 10 माह में भी काम आगे नहीं बढ़ पाया है. जनहित में बिजली विभाग पहल करे.
क्या कहते हैं बिजली विभाग के एसी
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता शुभांकर झा ने कहा कि जीएसटी से कुछ तकनीकी परेशानी हुई है. बावजूद समस्या का हल कर लिया जायेगा. दो साल में रेट में अंतर आ गया है. सामान महंगे हो गये हैं. 10-15 दिनों के अंदर टेंडर निकाला जायेगा. इसमें कम रेट देनेवालों से सामान की खरीदारी की जायेगी. इससे क्षतिपूर्ति की जायेगी.