मनोज को पढ़ने की इच्छा पर आर्थिक तंगी बन रही बाधा
हाथ पैर से नि:शक्त है मनोज छोटा भाई पहुंचाता है स्कूल व बाजार मां दूसरे के घरों में करती है काम घर की माली हालत देख छोटे भाई ने भी छोड़ी पढ़ाई दशहरा के बाद से ही नहीं मिला राशन सारवां : प्रखंड क्षेत्र के भंडारो पंचायत अंतर्गत नौखिला गांव में मनोज अपनी मां व […]
हाथ पैर से नि:शक्त है मनोज
छोटा भाई पहुंचाता है स्कूल व बाजार
मां दूसरे के घरों में करती है काम
घर की माली हालत देख छोटे भाई ने भी छोड़ी पढ़ाई
दशहरा के बाद से ही नहीं मिला राशन
सारवां : प्रखंड क्षेत्र के भंडारो पंचायत अंतर्गत नौखिला गांव में मनोज अपनी मां व छोटे भाई के साथ रहता है. हाथ-पैर से पूरी तरह नि:शक्त मनोज के सिर से पिता का साया बचपन में ही उठ चुका है. वह भी दूसरे बच्चों की तरह पढ़ना चाहता है पर आर्थिक तंगी उसके भविष्य में बाधा बन रही है. मां उसे पढ़ाने व घर चलाने के लिए दूसरे के घरों में काम करती है. छोटे भाई वीरू को भी पढ़ने की इच्छा है लेकिन उसने भी अपने सपने को अधूरा छोड़ दिया व मां के साथ काम करने में हाथ बंटाने लगा. मनोज को उसका भाई ही ट्राइसाइकिल से स्कूल व बाजार ले जाता है. मनोज काे पहले नि:शक्तता पेंशन भी मिलती थी.
लेकिन, दशहरा के बाद यह भी मिलनी बंद हो गयी. जवप्रि दुकान से 35 किलो चावल के भरोसे ही मां-भाई का गुजारा चल रहा है. ऐसे में किताब आदि खरीदने के पर्याप्त पैसे भी नहीं है. मनोज व उसके भाई को उम्मीद है कि प्रशासन व जनप्रतिनिधि उनका दर्द समझेंगे व मदद करेंगे. इधर, सीडीपीओ पूनम टोप्पो ने कहा कि पीआइडी नंबर के चलते उन लोगों का पेंशन रुका था. चेक तैयार कर लिया गया है. शीघ्र मनोज को दे दिया जायेगा.