अब एक-एक विधानसभा में कई-कई दावेदार!

देवघर: लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित हो चुका है. यहां गोड्डा लोकसभा चुनाव क्षेत्र से भाजपा के निशिकांत दुबे फिर से चुन लिये गये हैं. उसके बाद से ही आसन्न विधानसभा को लेकर कयास लगने शुरू हो गये हैं. गोड्डा लोकसभा के तहत छह विधानसभा क्षेत्र है. इसमें देवघर सुरक्षित क्षेत्र से आरजेडी के सुरेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2014 10:12 AM

देवघर: लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित हो चुका है. यहां गोड्डा लोकसभा चुनाव क्षेत्र से भाजपा के निशिकांत दुबे फिर से चुन लिये गये हैं. उसके बाद से ही आसन्न विधानसभा को लेकर कयास लगने शुरू हो गये हैं.

गोड्डा लोकसभा के तहत छह विधानसभा क्षेत्र है. इसमें देवघर सुरक्षित क्षेत्र से आरजेडी के सुरेश पासवान (सम्प्रति मंत्री, नगर विकास व पर्यटन), मधुपुर से जेएमएम के हाजी हुसैन अंसारी ( मंत्री, भवन निर्माण व सहकारिता), जरमुंडी से बहुचर्चित निर्दलीय विधायक हरिनारायण राय, पोड़ैयाहाट से जेवीएम के प्रदीप यादव (नेता प्रतिपक्ष), महगामा से राजेश रंजन ( कांग्रेस ) व गोड्डा से आरजेडी के संजय यादव प्रतिनिधित्व करते हैं.

लेकिन चुनावी समर के दौरान बड़े नेताओं ने अलग-अलग आश्वासन की रेबड़ी बांटे हैं जिसके कारण एक-एक विधानसभा के कई-कई दावेदार तैयार हो गये. आने वाले दिनों में मुश्किल यह है कि एक ही दल में कितने उम्मीदवारों को कैसे टिकट का लाभ मिल सकेगा. सूत्रों की माने तो अकेले मधुपुर में ही भाजपा के तकरीबन आधा दर्जन उम्मीदवार अपने मन में लड्ड फोड़ रहे हैं. यहां राज पालिवार का पुराना दावा है, पर आज बबलू खबाड़े, अरुण गुटगुटिया के साथ-साथ कई लोग कतार में बताये जा रहे हैं. इसी प्रकार देवघर सुरक्षित विधानसभा के विधायक सुरेश पासवान को भाजपा में प्रवेश कराने का आश्वासन मिला हुआ है.

हालांकि एक बार पहले भी पासवान ने भाजपा में सेटिंग किया था पर वे अंतिम क्षण में विचार बदल लिये थे. इसी प्रकार हरिनारायण राय नये समीकरण में भाजपा में दाखिला ले सकते हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान जब माननीय नरेंद्र मोदी बासुकीनाथ आये थे, तब इनके घोषणा की तैयारी थी पर किसी कारण से ऐसा हो नहीं सका. इस बार वैसे भी जरमुंडी से भाजपा को देवघर के बाद बढ़त मिली. इस बढ़त का श्रेय प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर राय को ही दिया जा रहा है. संभवतया महगामा के राजेश रंजन भी निशाने पर हैं. वहीं पोड़ैयाहाट व गोड्डा से भाजपा उम्मीदवारी के लिए कई लोगों से भरोसा जताया गया है. अब देखने वाली बात होगी कि ‘‘एक अनार सौ बीमार ’’ की पहेली कैसे सुलझती है.

Next Article

Exit mobile version